
-बिल्डिंग फिजिक्स और शहरी जलवायु
पर 5-दिवसीय कार्यशाला हुई संपन्न
सोनीपत, 4 मार्च (Udaipur Kiran) । दीनबंधु
छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में बिल्डिंग फिजिक्स और शहरी
जलवायु विषय पर पांच दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला मंगलवार को संपन्न हुई। इस कार्यशाला
में 125 आवेदकों में से चुने गए 56 में से 52 प्रतिभागियों ने एन वी- मेट और डिजाइन
बिल्डर जैसे अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर टूल्स पर सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कुलपति
प्रो. श्रीप्रकाश ने कहा कि ज्ञान की कोई भौगोलिक सीमाएं नहीं होतीं और ज्ञान बांटने
से ही बढ़ता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी विषय पर शोध करते समय पर्यावरण
के अनुकूलता और मानव कल्याण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रो. सिंह ने कहा कि उन्नत
सिमुलेशन द्वारा संचालित वास्तुशिल्प डिजाइन न केवल निर्मित पर्यावरण की समझ को बढ़ाता
है, बल्कि समकालीन शहरी चुनौतियों के अभिनव समाधान का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
प्रो.
सिंह ने कार्यशाला की सफलता को विश्वविद्यालय की पारंपरिक विषयों के साथ प्रौद्योगिकी
के विलय की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। वास्तुकला विभाग को भविष्य में इसी तरह के
अल्पकालिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु नए रास्ते तलाशने की सलाह दी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,
मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को पाठ्यक्रम में जोड़ने
की आवश्यकता पर भी बल दिया।
रजिस्ट्रार
डॉ. अजय कुमार गर्ग ने भौतिकी, वास्तुकला और शहरी नियोजन के बीच बढ़ते तालमेल पर प्रकाश
डाला और वास्तविक जीवन के मुद्दों को हल करने के लिए अंतःविषय दृष्टिकोण को आवश्यक
बताया। उन्होंने विकिरण जोखिम पर शोध और ऊर्जा प्रवाह व प्रदूषण स्तर मापने के महत्व
पर भी विचार सांझा किए। कार्यशाला के समापन सत्र में सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र
वितरित किए गए। इन-हाउस रिसोर्स पर्सन प्रो. परवीन कुमार, डॉ. मनोज पंवार और बाहरी
विशेषज्ञ अमरनाथ शर्मा आईआईटी रुड़की और गरिमा सिंह सीबीआरआई रुड़की को भी सम्मानित
किया गया।
कार्यशाला
समन्वयक डॉ. मनोज पंवार ने घोषणा की कि 25 फरवरी 2025 को सीबीआरआई रुड़की और आईआईटी
रुड़की के औद्योगिक दौरे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने इस सफल कार्यशाला को टिकाऊ
शहरी डिजाइन और सिमुलेशन तकनीक के समावेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रोफेसर
विजय कुमार, डॉ. सतपाल और विजिटिंग फैकल्टी भी समापन सत्र में उपलब्ध थे।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
