गुप्तकाशी, 3 अगस्त (Udaipur Kiran) । रुद्रप्रयाग की केदारघाटी में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही मची है। केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त हुआ है। इससे हजारों यात्री यात्रा मार्ग पर फंस गए, जिन्हें सुरक्षित निकालने का रेस्क्यू ऑपरेश जारी है। इसी बीच चौमासी गांव के प्रधान ने आरोप लगाया है कि चौमासी मार्ग पर प्रशासन ने लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है।
चौमासी प्रधान मुलायम सिंह ने बताया कि आपदा की स्थिति को संभालने के लिए शासन और प्रशासन ने अपनी संपूर्ण शक्ति गौरीकुंड, भीम बली और सोनप्रयाग आदि स्थानों पर लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि खाम निपतर से होते हुए इस सुरक्षित मार्ग से जो तीर्थ यात्री तथा स्थानीय लोग अपनी जान बचाकर वापस आ रहे हैं, उनकी परवाह प्रशासन को कतई नहीं है। उन्होंने कहा कि आपदा की सूचना के बाद स्थानीय लोगों ने 1 अगस्त से ही अपने घरों से राशन, लकड़ियां, तेल मसाले आदि एकत्रित कर चौमासी बाजार में तीर्थ यात्रियों की सेवा के लिए भंडारे का आयोजन किया। साथ ही यात्रियों के लिए कमरे की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई है।
सामाजिक कार्यकर्ता दलबीर सिंह ने कहा कि चौमासी मार्ग से लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे निपतर तक मोटर मार्ग जाता है, लेकिन चौमासी बाजार में ही लगभग 30 मी. मोटर मार्ग खारब हो गया है। यदि यहां पर इस मार्ग को सुधारा जाता तो तीर्थ यात्रियों को स्थानीय लोग अपने-अपने वाहनों से चौमासी तक ला सकते थे। इससे उनकी थकान भी कम होती।
सामाजिक कार्यकर्ता भगत सिंह ने कहा कि इस स्थान से आ रहे कई तीर्थ यात्रियों के पांव तथा हाथों में चोट लगी हुई है ,जो संभवत क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग से गिरते पड़ते यहां पहुंच रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस स्थान पर एक फर्स्ट एड तक प्रशासन नहीं जुटा पाया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा घर में रखी हुई दवाइयां से ही उपचार किया जा रहा है।
ग्रामीण सूरत सिंह ने बताया कि चौमासी-केदारनाथ के बीच पैदल मार्ग पर प्रशासन द्वारा तीन या चार स्थानों को चिन्हित करके उसे स्थान पर टेंट खाना, और मेडिकल की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि केदारनाथ से आ रहे तीर्थ यात्रियों को हर 4 किलोमीटर पर विश्राम, खाना और पानी नसीब हो।
(Udaipur Kiran) / बिपिन / वीरेन्द्र सिंह