Haryana

जींद के अस्पताल में बंदराें का आतंक, परिषद काे भेजे 32 पत्राें में किसी पर नहीं हुई कार्रवाई

अस्पताल में घूम रहे बंदर।

जींद, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नही हो पा रहा है। स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ द्वारा वर्ष 2020 से लगातार नगर परिषद जींद को पत्र भेज कर बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की बात कही जा रही है लेकिन अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नही हो पा रहा है। जिस पर संघ द्वारा उपायुक्त के संज्ञान में मामला लाया गया है। अबतक स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ कुल 32 रिमाइंडर भेज चुका है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है।

गुरूवार को स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने उपायुक्त को दी शिकायत में बताया कि संघ द्वारा वर्ष 2020 से लगातार नगर परिषद को पत्र लिखे जा रहे हैं कि अस्पताल में बंदरों का आतंक है और आए दिन बंदर किसी न किसी को काट रहे हैं। इसके अलावा कार्यालयों के अंदर पहुंच कर भी नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन इस समस्या पर कोई संज्ञान नही लिया गया है। अस्पताल परिसर में बंदरों की संख्या इतनी है कि इन्हें भगाना भी नामुमकिन है। झुंड के झुंड बंदरों के नागरिक अस्पताल में हर समय बैठे देखे जा सकते हैं। इसके अलावा अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी बंदर काटने से चूकते नही हैं। जिस कारण नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ-साथ चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है।

आए दिन ये बंदर किसी न किसी व्यक्ति पर हमला करके उसको घायल कर रहे हैं। कई बार तो बंदर नागरिक अस्पताल में दाखिल मरीजों के बिस्तर पर पहुंच कर मरीज को घायल कर चुके हैं और अनेक बार कमरों में घुसकर कंपयूटर सहित नागरिक अस्पताल के रिकार्ड को नष्ट भी कर चुके हैं। इस समस्या के समाधान हेतू कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को गुहार लगाई जा चुकी है परंतु अभी तक कोई समाधान नही हुआ है। संघ नेता राममेहर वर्मा ने बताया कि उपायुक्त इस मामले में स्व संज्ञान लेते हुए नप अधिकारियों को आदेश दें कि अस्पताल में स्पेशल तौर पर बंदर पकड़ो अभियान चलाया जाए ताकि नागरिक अस्पताल में कार्य करने वाने चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी व आमजन अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें।

नगर परिषद के सीएसआई अनिल नैन ने कहा कि नगर परिषद द्वारा छह हजार बंदर पकड़वाए जा चुके हैं। अन्य जिलों से लोग रात के अंधेरे में छोड़ जाते हैं। पिछले दिनों उन्होंने बीड़ बड़ा वन में बंदर छोड़ रहे लोगों को पकड़ा था। जिस फर्म को बंदर पकडऩे का ठेका दिया था, उसकी टैंडर अवधि समाप्त हो गई है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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