शिमला, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे वाले होटलों को बंद करने के मामले में हाईकोर्ट से सुक्खू सरकार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने घाटे वाले नौ होटलों को 31 मार्च 2025 तक खुला रखने का नया आदेश दिया है। इन होटलों में पैलेस होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल मेघदूत कयारीघाट, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल कुन्जुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैस्टल नागर और होटल धौलाधार धर्मशाला शामिल हैं। हाईकोर्ट ने घाटे वाले अन्य नौ होटलों को 25 नवंबर से बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई पुर्नविचार याचिका की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को यह आदेश दिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने शुक्रवार कहा कि इन होटलों के मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा था।जिसके परिणामस्वरूप निगम के नौ होटलों को पुनः शुरू करने के आदेश हुए हैं। उन्होंने कहा कि निगम के अन्य होटलों को लेकर भी अध्ययन किया जा रहा है और इस मामले में गठित कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटन निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और हितधारकों के हित में पूरी तरह से खड़ी है और उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है।
नरेश चौहान ने यह भी कहा कि निगम के होटलों की इस हालात के लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह पूर्व भाजपा सरकार के कुप्रबन्धन के कारण ही आज यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार से जो चुनौतियां वर्तमान सरकार को मिली हैं, उनका राज्य सरकार डटकर मुकाबला कर रही है और उनसे पार पाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश काे 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में अग्रसर है जिसके लिए कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम जनता के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व 19 नवंबर को हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के सेवानिवृत कर्मचारियों की देनदारियों से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए निगम के घाटे में चल रहे 18 होटलों को बंद करने का आदेश दिया था। इसके पीछे इन होटलों में 40 फीसदी से कम आक्यूपेंसी को वजह बताया गया था।
हाईकोर्ट ने 3 दिसम्बर 2024 को अगली सुनवाई में एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक को कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के संबंध में एक शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के बाद सुक्खू सरकार लगातार विपक्षी दल भाजपा के निशाने पर आ गई थी। भाजपा के नेताओं ने सरकार पर निगम की संपत्तियों को लीज पर देने की मंशा से काम करने का आरोप लगाया जा रहा है। बहरहाल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार को राहत मिली है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा