
जयपुर, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ऋषि प्रणीत भारतीय संस्कृति के अनुरूप यज्ञ के माध्यम से जन्मदिन संस्कार मनाने की प्राचीन परंपरा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रविवार को श्री गोविंद देवजी मंदिर में संस्कारोत्सव–2025 का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जन्मदिन को भारतीय विधि-विधान से मनाने पर बल दिया गया।
इस अवसर पर आधा दर्जन श्रद्धालुओं ने पंच तत्व—धरती, वायु, आकाश, जल और अग्नि—का पूजन कर पारंपरिक रूप से जन्मदिन संस्कार सम्पन्न किया। कार्यक्रम का आयोजन मंदिर महंत आचार्य अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली—डॉ. अजय भारद्वाज, गायत्री प्रसाद एवं दिनेश मारबदिया— ने प्रज्ञा गीतों की मधुर प्रस्तुति देकर वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने कार्यक्रम की शुरुआत देव पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ की। ठाकुर श्री राधा गोविंद देवजी, माता गायत्री, पं. श्रीराम शर्मा एवं भगवती देवी शर्मा के चित्रों के समक्ष पूजा-अर्चना की गई।
कार्यक्रम में घोषणा की गई कि अब प्रत्येक रविवार प्रातः 8 से 10 बजे तक नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ जन्मदिन संस्कार आयोजित किया जाएगा।
गायत्री शक्तिपीठ के आचार्य गायत्री प्रसाद ने कहा, “जिस प्रकार हम रामनवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, महावीर जयंती एवं गांधी जयंती जैसे पर्वों पर अवतारों एवं महापुरुषों का जन्मोत्सव श्रद्धा से मनाते हैं, उसी प्रकार हमें अपना जन्मदिन भी आत्मचिंतन और उल्लास के साथ मनाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि जन्मदिन आत्म विश्लेषण का अवसर होता है—एक वर्ष में हमने क्या किया, इसका मूल्यांकन करने का समय।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और विश्व कल्याण की भावना के साथ यज्ञ में आहुतियां अर्पित कीं। जन्मदिन मना रहे श्रद्धालुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ विशेष आहुतियां भी दी गईं।
इस अवसर पर पुष्पवर्षा कर जन्मदिन मना रहे लोगों को आशीर्वाद प्रदान किया गया। गोविंद देवजी का चित्र, दुपट्टा, प्रसाद और आध्यात्मिक साहित्य भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों ने जन्मदिन पर पौधा रोपण किया और यह संकल्प लिया कि भविष्य में वे केक काटकर और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन नहीं मनाएंगे, बल्कि इसे भारतीय संस्कृति के अनुरूप आध्यात्मिक रूप से मनाएंगे।
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(Udaipur Kiran)
