
हल्द्वानी, 3 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बरसात के दौरान आपदा से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अब सिंचाई विभाग ने सक्रिय कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विभाग ने गौला नदी के दोनों तरफ नाै किलोमीटर लंबा रिवरफ्रंट बनाने की योजना शुरू करने जा रही है।
मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि काठगोदाम से लेकर हल्द्वानी तक नदी के दोनों ओर आबादी, रेलवे स्टेशन और सरकारी उपक्रम होने के कारण बरसात के समय नदी में अधिक पानी आने से गंभीर नुकसान का खतरा बना रहता है। पिछले मानसून सीजन में नदी में भारी पानी और मलबे के आने से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन और गौला पुल को भी काफी नुकसान हुआ था। इसके मद्देनजर भविष्य में इस खतरे को रोकने के लिए नदी में रिवरफ्रंट बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
मुख्य अभियंता ने बताया कि इस परियोजना को लेकर कुमाऊं कमिश्नर और शासन स्तर की बैठक हो चुकी है और नदी में जमा मलबे के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी द्वारा योजना तैयार की गई है। रिवरफ्रंट बनाए जाने के लिए सर्वे का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के एडवाइजर भी इस परियोजना का निरीक्षण कर चुके हैं और मंत्रालय ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। रिवरफ्रंट बनाने का काम नमामि गंगे योजना के तहत किया जाएगा। इस परियोजना के तहत हल्द्वानी बाईपास से लेकर काठगोदाम बाईपास तक कुल नाै किलोमीटर लंबी रिवरफ्रंट बनाई जाएगी।
इस परियोजना में नदी के किनारे एप्रोच रोड, घाट और पर्यटन के संभावनाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिवरफ्रंट के निर्माण से न केवल गौला नदी के बाढ़ से हल्द्वानी शहर की सुरक्षा होगी, बल्कि रेलवे स्टेशन, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम और अन्य सरकारी उपक्रमों को भी नुकसान से बचाया जा सकेगा।
(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता
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