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त्रिधारा मंडप में नारे लगाने पर गिरफ्तार नौ डॉक्टरों को सात दिनों की पुलिस हिरासत

कोलकाता, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अलीपुर अदालत ने त्रिधारा सम्मेलन के मंडप में नारेबाजी करने वाले नौ लोगों को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने अदालत में बताया कि गिरफ्तार लोगों की व्हाट्सएप चैट में यह पाया गया है कि उन्होंने पूर्व नियोजित तरीके से यह किया है। पुलिस का दावा है कि अगर इन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वे अन्य पूजा मंडपों में भी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान आसनसोल के कुल्टी के निवासी सुजॉय मंडल (20), दमदम के उत्तरण साहा राय (18), टंगरा के कुशल कर (27), नरेंद्रपुर के जवाहर सरकार (29), साग्निक मुखोपाध्याय (26), पूर्व बर्धमान के नादिम हजारी (20), हसनाबाद के ऋतव्रत मल्लिक (20), खड़दह के चंद्रचूड़ चौधरी (20) और रहड़ा के दृप्तमान घोष (20) के रूप में हुई है। इन सभी को पुलिस ने बिटी झा की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया है, जो रविंद्र सरोवर क्षेत्र के निवासी हैं।

पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि गिरफ्तार लोगों ने एक पूजा मंडप में भीड़भाड़ वाले स्थान पर विरोध प्रदर्शन किया, जो कि सुरक्षा के लिए खतरा था। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि ऐसी भीड़भाड़ वाली जगह पर विरोध प्रदर्शन से दुर्घटना हो सकती है, जिसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?

पुलिस ने इन लोगों को 12 दिनों की हिरासत में लेने की मांग की थी, जबकि उनके वकील का कहना था कि यह एक शांतिपूर्ण विरोध था। वकील ने आगे कहा कि पुलिस ने बिना उचित कारण के इन्हें रात में 11:35 बजे एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया, जबकि इससे पहले स्वास्थ्य भवन में जूनियर डॉक्टरों और मुख्य सचिव के बीच बैठक हो रही थी। वकील ने कहा कि इस बैठक के सफल न होने के कारण पुलिस ने कार्रवाई की।

गिरफ्तार किए गए लोग बुधवार को त्रिधारा सम्मेलन के मंडप में न्याय के लिए नारे लगा रहे थे। उस समय पूजा मंडप में जूनियर डॉक्टरों का अभया परिक्रमा कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें वे दक्षिण 24 परगना की पीड़िता की प्रतीकात्मक मूर्ति के साथ मंडप का दौरा कर रहे थे। यह मंडप तृणमूल विधायक देवाशीष कुमार से जुड़ा हुआ था, और वहां नारेबाजी के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और नौ डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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