
नई दिल्ली, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चेयरमैन ओमा सलाम की 15 दिनों की कस्टडी पैरोल की मांग का विरोध किया है। एनआईए ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कस्टडी पेरोल की मांग का विरोध किया। जस्टिस रविंद्र डूडेजा की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को करने का आदेश दिया।
एनआईए ने कहा कि सलाम की बेटी की एक साल पहले मौत हो गई थी और ऐसे में सलाम को एक दिन के लिए अपने गृहनगर जाने की अनुमति देने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन 15 दिन की कस्टडी पेरोल संभव नहीं है। एनआईए ने कहा कि सलाम के घर पर 15 दिनों तक चलने वाला कोई समारोह नहीं है। एनआईए ने कोर्ट से कहा कि वे इसका वेरिफिकेशन करना चाहते हैं। तब कोर्ट ने कहा कि एनआईए को इसका वेरिफिकेशन पहले ही कर लेना चाहिए था। समारोह का नाम बताया गया है, ऐसे में आपको अब तक इसका वेरिफिकेशन कर लेना चाहिए।
सुनवाई के दौरान सलाम की ओर से पेश वकील ने कहा कि उसकी बेटी के कब्र और घर पर प्रार्थना सभाएं होंगी और पवित्र कुरान को वहां के स्थानीय रीति रिवाज के मुताबिक पढ़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि ये समारोह 18 अप्रैल से 2 मई तक चलेंगी। सलाम के वकील ने कम से कम छह दिनों की कस्टडी पेरोल देने की मांग की।
ट्रायल कोर्ट ने सलाम की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक दिन और छह घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। ट्रायल कोर्ट के इसी आदेश को सलाम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सलाम को 2022 में तब गिरफ्तार किया गया था, जब पीएफआई के खिलाफ केंद्र सरकार ने व्यापक अभियान चलाया था। 28 सितंबर, 2022 को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
(Udaipur Kiran) /संजय———–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
