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17 नक्सलियों के खिलाफ एनआईए ने जगदलपुर की विशेष अदालत में दाखिल की चार्जशीट

एनआईए ने छग. के जगदलपुर की अदालत में दाखिल की चार्जशीट

जगदलपुर (छत्तीसगढ़), 14 जून (Udaipur Kiran) । बीजापुर जिले में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले की साजिश में शामिल 17 नक्सलियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है। यह कार्रवाई 16 जनवरी, 2024 को धर्मावरम, चिंतावागु और पामेड़ स्थित सीआरपीएफ और कोबरा शिविरों पर नक्सलियाें द्वारा एक साथ हमला किया गया था। इस हमले में शामिल एक नक्सली गिरफ्तार हो चुका है।

चार्जशीट के अनुसार गिरफ्तार नक्सली की पहचान सोदी बामन उर्फ देवल के रूप में हुई है, जबकि बाकी 16 आरोपि‍त नक्सली फरार हैं। इनमें नक्सली संगठन के दो केंद्रीय समिति सदस्य, दो राज्यस्तरीय सदस्य और तेलंगाना राज्य समिति, पामेड़ क्षेत्र समिति व पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के कई शीर्ष कैडर के नक्सली शामिल हैं। एनआईए के अधिवक्ता संजय शुक्ला ने शन‍िवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सीआरपीएफ कैंप हमले के मामले 17 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।

नक्सलियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। 16 जनवरी, 2024 को बीजापुर जिले के धर्मावरम में सीआरपीएफ के नए शिविर और चिंतावागु और पामेड़ में दो निकटवर्ती सीआरपीएफ, कोबरा शिविरों पर हुए हमले से संबंधित है। हमलावरों ने शिविरों से सुरक्षा बलों के हथियार और अन्य सामान लूटने का प्रयास किया था।

इसके पहले 17 दिसंबर, 2023 को स्थापित धर्मावरम सीआरपीएफ शिविर में सीआरपीएफ के 12 जवान हमले में घायल हो गए थे। एनआईए ने 9 फरवरी, 2024 को स्थानीय पुलिस से मामला अपने हाथ में लिया था और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के 21 नामजद और 250-300 अज्ञात सशस्त्र कैडरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच से पता चला कि आरोप पत्र में शामिल आरोपि‍त भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश के तहत युवाओं की भर्ती में शामिल थे। उनके पास प्रतिबंधित हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री थी और उन्होंने साजिश की बैठकों का आयोजन किया और उनमें भाग लिया। नक्सलियों ने लक्ष्य शिविर की प्रतिकृति के रूप में प्रशिक्षण डमी शिविर भी स्थापित किया था, अपने सशस्त्र कैडरों को सशस्त्र विद्रोह करने के लिए प्रशिक्षण दिया और प्रेरक भाषण दिए, इसके अलावा उक्त शिविरों की रेकी की और अंतिम हमलों को अंजाम दिया। मामले में आगे की जांच जारी है।

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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे

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