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जयपुर, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर हाईवे पर अतिक्रमण से जुडे मामले में एनएचएआई की ओर से अतिक्रमण हटाने की धीमी कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि यह बडे आश्चर्य की बात है कि एनएचएआई ने 90 दिन में 90 अतिक्रमण ही हटाए हैं। इसके साथ ही अदालत ने एनएचएआई को कहा कि वे मौके से हटाए जाने वाले अतिक्रमण की दैनिक आधार पर रिपोर्ट तैयार करें और आगामी 25 फरवरी को अदालत में पेश करें। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा ने यह आदेश रायचंद चौधरी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान जेडीए की ओर से कहा गया कि हाईवे और सर्विस लेन की जमीन को एनएचएआई को सुपुर्द किया जा चुका है। ऐसे में जो भी अतिक्रमण है वह एनएचएआई की जमीन पर है और उसे एनएचएआई ही हटाएगा। सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि बगरू तक कुल 338 अतिक्रमण पाए गए हैं। कुछ अतिक्रमण हटाए गए हैं और शेष को नोटिस देकर हटाया जाएगा। जनहित याचिका में अधिवक्ता कमलेश रोज ने अदालत को बताया कि जयपुर-अजमेर हाइवे पर बन रहे पुल का निर्माण समय पर नहीं हुआ है। जिसके चलते हाईवे पर जगह-जगह घंटों तक जाम लगा रहता है। ऐसे में एनएचएआई और जेडीए सहित अन्य विभागों को यहां से अतिक्रमण हटाकर जल्दी निर्माण करने और यातायात सुचारू करने के निर्देश दिए जाए।
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(Udaipur Kiran)
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