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एनजीटी ने महाकुंभ मेले में खुले में शौच के दावों पर याचिकाकर्ता से पर्याप्त सबूत यूपीपीसीबी को सौंपने का दिया निर्देश

एनजीटी

नई दिल्ली, 24 फरवरी (Udaipur Kiran) । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने महाकुंभ मेले में खुले में शौच के मामले पर दायर याचिका का निस्तारण कर दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच ने शिकायतकर्ता को निर्देश दिया कि वे अपने आरोपों से संबंधित पर्याप्त तथ्य उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को सौंपे।

एनजीटी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने महाकुंभ मेले में खुले में शौच से संबंधित दो वीडियो क्लिप पेन ड्राइव में सौंपे गए हैं, लेकिन वीडियो में जियो कोआर्डिनेट की जानकारी नहीं थी। एनजीटी ने कहा कि खुले में शौच से संबंधित वीडियो भी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नहीं सौंपे गए थे। एनजीटी ने कहा कि वीडियो किस समय का है ये जानना जरूरी है।

सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि अगर उन्हें तथ्य उपलब्ध कराया जाएगा तो वे शिकायत पर कार्रवाई करेगा। उसके बाद एनजीटी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को गंभीरता से उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। एनजीटी ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की शिकायत सही पायी गई तो उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव इस पर तत्काल कार्रवाई करेंगे और चार हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो एनजीटी इस पर विचार कर सकती है।

याचिकाकर्ता निपुण भूषण ने याचिका में कहा था कि महाकुंभ में सफाई की खराब व्यवस्था है। याचिका में संगम किनारे खुले में मानव मल होने की बात कही गई थी। याचिका में आरोपों के पक्ष में सोशल मीडिया के कुछ वीडियो एनजीटी में दाखिल किए गए थे। याचिका में कहा गया था कि इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है और ऐसा होना संविधान के अनुच्छेद 48ए का उल्लंघन है। एनजीटी ने 21 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी, उप्र सरकार और प्रयागराज मेला प्राधिकरण और उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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