नई दिल्ली, 01 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में आरोपित तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दिया है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने 22 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। आज अशोक गहलोत की ओर से पेश आरोपी और गौरवदीप बहल ने बताया कि हाई कोर्ट की ओर से ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक 17 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। उसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
बता दें कि सेशंस कोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से अशोक गहलोत को जारी समन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया था। सेशंस कोर्ट के आदेश को अशोक गहलोत ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटाया जहां मामला अभी लंबित है। 19 सितंबर 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अशोक गहलोत की बरी करने की मांग खारिज कर दिया था। कोर्ट ने 6 जुलाई 2023 को बतौर आरोपित अशोक गहलोत को समन जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने 25 मई 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट दाखिल किया था। इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है। शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपी नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए।
याचिका में कहा गया कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को। एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है। गहलोत ने अपने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए।
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उस सोसायटी में जमाकर्ता है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
