
नई दिल्ली, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर की ओर से दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को निरस्त करने के सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। हाई कोर्ट में समयाभाव की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
हाई कोर्ट ने 4 फरवरी को सुनवाई करते हुए आतिशी मार्लेना को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान प्रवीण शंकर कपूर की ओर से पेश वकील अजय बर्मन ने कहा था कि सेशंस कोर्ट ने अपने फैसले में राजनीतिक विश्लेषण किया है। बर्मन ने कहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग पर प्रेस कांफ्रेंस में लगाए गए आरोपों को लेकर अभी तक कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया जबकि प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल और आतिशी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने 27 आआपा विधायकों को भाजपा में शामिल होने का आदेश दिया गया था। सेशंस कोर्ट ने अपनी सीमाओं से परे जाकर टिप्पणियां की हैं और उनमें राजनीतिक टिप्पणियां भी हैं।
प्रवीण शंकर कपूर की याचिका में कहा गया है कि सेशंस कोर्ट के आदेश को रद्द करने की जरूरत है क्योंकि इस आदेश में कई कानूनी खामियां हैं। याचिका में कहा गया है कि सेशंस कोर्ट ने आपराधिक शिकायत से आगे बढ़कर उन मुद्दों पर विचार किया है जिसके मामले में काफी कम महत्व है।
दरअसल राऊज एवेन्यू स्थित सेशंस कोर्ट ने 28 जनवरी को आआपा विधायकों को तोड़ने के लिए भाजपा पर आरोप लगाने के लिए प्रवीण शंकर कपूर की ओर से दाखिल मानहानि मामले में आतिशी मार्लेना को जारी समन को रद्द कर दिया था।
राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने आतिशी को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था। इसी आदेश को आतिशी ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 जुलाई 2024 को आतिशी को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी।
प्रवीण शंकर कपूर ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी मार्लेना के खिलाफ आपराधिक मानहानि याचिका दायर किया है। 28 मई 2024 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रवीण शंकर कपूर की मानहानि याचिका पर संज्ञान लिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में अभी केजरीवाल के खिलाफ संज्ञान नहीं लिया है। याचिका में प्रवीण शंकर कपूर की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल और आतिशी ने भाजपा नेताओं पर झूठा आरोप लगाया कि वे करोड़ों रुपये लेकर भाजपा में शामिल हो जाएं। जबकि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
प्रवीण शंकर कपूर की ओर से 27 जनवरी 2024 के केजरीवाल के ट्विटर पर किए गए पोस्ट और आतिशी के 2 अप्रैल 2024 के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र किया गया। प्रवीण शंकर की ओर से कहा गया है कि आरोपियों ने अपने आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया।
प्रवीण शंकर की याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल के ट्वीट में आरोप लगाया गया है कि भाजपा ने 7 आआपा विधायकों से संपर्क किया था। ट्वीट में कहा गया था कि भाजपा ने 25 करोड़ रुपये का ऑफर किया था ताकि दिल्ली की सरकार गिराई जा सके। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में जैसे ही आतिशी का नाम आया तब से ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ ये आरोप लगाना शुरु कर दिया ताकि दिल्ली आबकारी घोटाला से लोगों को ध्यान हटाया जा सके।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार
