जौनपुर, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मथुरा, काशी, अयोध्या व सम्भल के बाद अब जौनपुर भी मंदिर- मस्जिद के कारण विवादों में आ गया है। अटाला मस्जिद बनाम अटला माता मंदिर मामले में दस दिसम्बर को अमीन सर्वे यानी पैमाइश को लेकर पुलिस सुरक्षा की मांग पर दीवानी न्यायालय में सुनवाई हुई।जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 16 दिसम्बर की अगली तारीख नियत की है जिसमे कोर्ट यह तय करेगा कि अमीन सर्वे कब करेंगे और उसकी टीम में किन लोगों को रखा जाएगा।चूंकि पूर्व में अटाला मस्जिद की सर्वे करने गयी अमीन की टीम को मुस्लिम पक्ष ने सर्वे करने से रोक दिया गया था जिस पर अमीन की टीम बिना सर्वे के बेरंग लौट आयी थी।
विदित हो कि अटाला मस्जिद मामले में दो जुलाई 2024 को जूनियर डिवीजन कोर्ट शहर ने अमीन को अटाला मस्जिद के पैमाइश का आदेश दिया था।जिस पर आदेश के एक हफ्ते के बाद अमीन की टीम पूरे प्रोटोकॉल के साथ मस्जिद का पैमाइश करने गयी थी।इस पर मस्लिम पक्ष ने विरोध करते हुए हुए मस्जिद की पैमाइश नहीं करने दी।
इसी क्रम में स्वराज वाहिनी एसोसिएशन संतोष मिश्रा की तरफ से अटाला मस्जिद की पैमाइश के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मांग के लिए जूनियर डिवीजन शहर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है।
सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर सुधा शर्मा की कोर्ट में लगभग एक घंटे चली बहस में स्वराज वाहिनी एसोसिएशन की तरफ से अमीन सर्वे के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग और जल्द सर्वे कराने का आग्रह किया गया।जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमें सर्वे से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मामले का मीडिया ट्रायल न किया जाए,जिस पर हिन्दू पक्ष स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के वकील रामसिंह ने इसका विरोध किया।इस पर कोर्ट से कहा कि मीडिया स्वतंत्र है।उसके कार्य में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।कोर्ट ने कहा कि हम 16 दिसम्बर को तय करेंगे कि अमीन सर्वे में कौन-कौन रहेगा।
वहीं दूसरी ओर अटाला मस्जिद पक्षकार अटाला मस्जिद मामले में कोई मुकदमा न चलाए जाए, इसके लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर किया है । जिस पर नौ दिसम्बर की तारीख पर सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट के न बैठने की बजह से अभी अगली तारीख नहीं मिली है।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव