काठमांडू, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने चीन की सीमा से सटकर बनाए गए पोखरा और भैरहवा अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल को संचालित करने के लिए नए नियम बनाए हैं। उद्घाटन के दो साल बाद भी इन दोनों विमानस्थल पर एक भी विदेशी एयरलाइंस के उड़ान नहीं भर पाने के बाद अब नेपाल सरकार ने एयरलाइंस कंपनियों पर नया नियम थोपने जा रही है।
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की तरफ से मंगलवार को एक नोटिस जारी करते हुए नेपाल में अवतरण करने वाले और नेपाल से उड़ान भरने वाले सभी विदेशी एयरलाइंस को एक बार पोखरा या भैरहवा में अवतरण करने को अनिवार्य बनाया गया है। प्राधिकरण के तरफ से मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए सभी एयरलाइंस कंपनियों को काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल पर अवतरण करने से पहले पोखरा या भैरहवा के विमानस्थल पर अवतरण को अनिवार्य करने की जानकारी दी गई है।
इस बारे में प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक प्रदीप अधिकारी ने कहा कि पोखरा और भैरहवा के अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल को प्रोत्साहित करने के लिए यह नियम लागू किया जा रहा है। अधिकारी का कहना है कि यदि इन दोनों विमानस्थलों के संचालन के लिए अनिवार्य नियम नहीं बनाया गया तो यह कभी संचालित नहीं हो सकेगा। उनका यह भी कहना है कि दोनों विमानस्थल के निर्माण के लिए भारी ब्याज पर सरकार ने ऋण लिया है।
पोखरा विमानस्थल निर्माण के लिए नेपाल सरकार ने चीन से 22 अरब रुपये ऋण लिया है, जिसका मासिक ब्याज ही 33 करोड़ रुपये है। इस विमानस्थल का संचालन नहीं होने से आमदनी न्यून है, जबकि चीन जनवरी 2024 से हर महीने ब्याज की किस्त देने के लिए मजबूर है। भैरहवा विमानस्थल का भी कुछ इसी तरह की कहानी है। चीन की ठेकेदार कंपनी द्वारा बनाए गए इस विमानस्थल पर भी ब्याज देने का पैसा नहीं उठ पा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास