कमेटी को जांच में छेडछाड़ के सबूत मिले
रोहतक, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में की जा रही जांच में नकल माफिया की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक की तीन सदस्यीय कमेटी को उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ से जुड़े कई तथ्य मिले हैं। जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता छात्र ने अपना बयान दर्ज कराया है। आरोप लगाया गया है कि कुछ मामलों में कर्मचारी आंसर शीट का पहला पेज हटाकर दूसरी शीट पर सिल देता था। इस शीट पर अभ्यर्थी का सीट नंबर, बारकोड और रोल नंबर होता था। इस दूसरी शीट को अभ्यर्थी या उसकी ओर से किसी और ने दोबारा लिखा होता था।
ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि आंसर शीट असली लगे। इसके अलावा जांच टीम ने उस वीडियो की भी जांच की, जिसमें नकल माफिया ऐसा करते नजर आ रहे हैं। यह सब शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए एक कथित वीडियो में नजर आ रहा है, जिसमें छात्र एक कमरे में आंसर शीट को दोबारा लिखते नजर आ रहे हैं। वीडियो, जिसे अब जांच टीम ने जांच का हिस्सा बना लिया है।
इधर अंबेडकर मिशनरीज विद्यार्थी एसोसिएशन ने इस घोटाले के पैमाने का हवाला देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि परीक्षा शाखा के अधिकारियों की संलिप्तता के बिना उत्तर पुस्तिकाओं को विश्वविद्यालय से बाहर नहीं निकाला जा सकता। हालांकि, कड़ी कार्रवाई का सामना करने के बजाय केवल कुछ अधिकारियों को ही स्थानांतरित किया गया है। यूएचएसआर घोटाला प्रणालीगत कमज़ोरियों को उजागर करता है और परीक्षा शाखा के कर्मचारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाता है। जांच जारी है।
स्टूडेंट को मिली पुलिस सिक्योरिटी
एमबीबीएस परीक्षा घोटाले को उजागर करने वाले छात्र पर हमले की आशंका है। ऐसी सूचना मिलने के बाद पुलिस सतर्क है और उसे सुरक्षा मुहैया करा दी है। शिकायत करने वाले छात्र को कुछ पुलिसकर्मियों के फोन नंबर दिए गए हैं, जिनसे वह किसी भी तरह के खतरे या यात्रा के दौरान संपर्क कर सकता है। हरियाणा में सामने आए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) करेगा। सीआईडी हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है। इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के एमबीबीए-एमडी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं।
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(Udaipur Kiran) / अनिल