शिमला, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अब जनसंख्या और भौगोलिक आधार पर भी नए संस्थान खोलने पर विचार करेगी।। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान की। मुख्यमंत्री विधानसभा में विधायक रणधीर शर्मा द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल से जिन विधानसभा हलकों की उपेक्षा की जा रही थी, उन हलकों में उनकी सरकार ने नए संस्थान खोले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नए संस्थान खोलने से पहले उनमें सभी सुविधाएं, पद और स्टाफ का प्रबंध करेगी, ताकि जनता की समस्याओं का भी समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था परिवर्तन का दौर है और कांगड़ा जिले में वहां पर नए संस्थान खोले हैं, जहां पिछले कार्यकाल में उपेक्षा हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को व्यवस्था परिवर्तन से तकलीफ है।
इससे पहले, प्रश्नकाल के दौरान रणधीर शर्मा ने पूछा कि इस सरकार ने कितने संस्थान खोले और सरकार को इसका जवाब देने में इतनी देरी क्यों लग रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले संस्थान तो बंद कर दिए और अब नए कितने नए संस्थान खोले, इसकी सूचना तक नहीं है। उन्होंने कहा कि जब से उपचुनाव हुए हैं, मुख्यमंत्री का ध्यान केवल देहरा में चला गया है और हर कैबिनेट में देहरा के लिए नए संस्थान खोले जा रहे हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि नए संस्थान खोलने चाहिए, लेकिन जो पूर्व में नए संस्थान खोले गए थे, वे तो बंद क्यों कर दिए। आर्थिक स्थिति का हवाला देकर ये संस्थान बंद कर दिए, लेकिन अब पैसा कहां से आ रहा है। उन्होंने मांग की कि पुराने डी-नोटिफाई किए गए संस्थानों को फिर से खोला जाए।
उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पूछा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले गए जो संस्थान डी-नोटिफाई किए, उन्हीं संस्थानों को नए तरीके से खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो डिवीजन भाजपा सरकार ने खोला और जो अबकी सरकार ने खोला, उसमें क्या अंतर है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में खोले गए संस्थानों का जिक्र किया और कहा कि छह-छह माह से चल रहे संस्थान बंद कर दिए गए हैं। मौजूदा सरकार ने राज्यभर में कुल मिलाकर एक हजार संस्थान बंद कर दिए। क्या वे संस्थान नीड बेस्ड नहीं थे, जो जनप्रतिनिधियों की मांग पर खोले गए थे।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक, जनसंख्या और भौगोलिक जरूरत के आधार पर नए संस्थान खोले जाएंगे। यदि नेता प्रतिपक्ष बोलेंगे, तो उनके हलके में वह राजनीतिक आधार पर फैसला लेंगे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा