
गुवाहाटी, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) रेल पटरियों पर मवेशियों के टकराने की घटनाओं काे रोकने के लिए कई कदम उठा रही है। पूसीरे ने स्थानीय समुदायों को शामिल करते हुए एक अभिनव पहल की है। असम के डिमा हसाओ जिला अंतर्गत येबरा गांव में लमडिंग मंडल के दाओतुहाजा और वाद्रेंगडिसा स्टेशनों के बीच रेलवे की 72 किमी के पास, स्थानीय ग्रामीणों की मदद से जोन ने रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बांस की बैरिकेडिंग लगाई है।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने साेमवार काे बताया है कि सामुदायिक पुलिसिंग का यह नीति उदाहरण रेलवे और स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास और सहयोग बनाने के महत्व को दर्शाता है। ऐसे प्रयास विशेष रूप से उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं जहां अनधिकृत क्रॉसिंग और मवेशियों का प्रवेश रेलवे परिचालन और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण रूप से चुनौतियां पैदा करता है। यह दृष्टिकोण न केवल सुरक्षा संबंधी परेशानियों को दूर करता है बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए अनुसरण करने का एक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। पूसीरे अपने नेटवर्क सहित अन्य गांवों से ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए सहयोग के इस मॉडल का अनुकरण करने का आह्वान करता है। इस प्रकार पूसीरे समुदाय- संचालित समाधानों के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाने और स्थानीय आबादी के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
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