
सोनीपत, 6 जून (Udaipur Kiran) । सोनीपत में बिजली ग्रिड लाइन से प्रभावित किसानों को उचित
मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के बैनर
तले किसान उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। किसानों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन
सौंपकर मांग की कि मुआवजा की दरें वास्तविक बाजार मूल्य के आधार पर तय की जाएं और इसके
लिए एक वैल्यूअर कमेटी का गठन किया जाए।
भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष
सतेंद्र लोहचब ने बताया कि किसानों का यह आंदोलन औचंदी बॉर्डर से 13 सितंबर 2023 को
शुरू हुआ था। 11 फरवरी 2024 को एक बड़ी पंचायत के बाद निर्णय लिया गया कि जब तक किसानों
को न्यायपूर्ण मुआवजा नहीं मिलेगा, खेतों में ग्रिड का काम नहीं होने दिया जाएगा। इसके
बाद से कार्य रुकवाया गया।
आंदोलन के दबाव में मई 2024 में किसानों ने एसीएस एके सिंह
व मुख्यमंत्री हरियाणा से मुलाकात की। अप्रैल में नाहरा गांव में भी बड़ी पंचायत हुई।
14 जून 2024 को केंद्र सरकार ने टावर बेस क्षेत्र के लिए 200 प्रतिशत व रॉ कॉरिडोर
के लिए 30 प्रतिशत मुआवजा तय करते हुए नई नीति जारी की। परंतु किसानों ने इसे अस्वीकार
कर दिया। उनका कहना है कि यह दरें न तो पर्याप्त हैं, न ही जमीन के बाजार मूल्य पर
आधारित हैं। हरियाणा सरकार द्वारा 10 जुलाई 2024 को केंद्र की पुरानी नीति लागू किए
जाने पर असंतोष और बढ़ गया।
बाद में, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से 27 जनवरी
2025 को किसानों ने भेंट की, जिन्होंने 2 फरवरी को औचंदी गांव में आकर उन्हें आश्वासन
दिया। इसके बाद 21 मार्च 2025 को केंद्र ने नई गाइडलाइन जारी की, जिसे आधार बनाकर हरियाणा
सरकार ने 2 जून 2025 को नई मुआवजा नीति लागू की। अब किसान मांग कर रहे हैं कि सोनीपत
जिले में बाजार दर तय करने के लिए वैल्यूअर कमेटी बनाई जाए, जिसमें किसान प्रतिनिधियों
को भी शामिल किया जाए। मोर्चा की ओर से सत्येंद्र लोहचब और उमेश दहिया के नाम समिति
के लिए सुझाए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
