जयपुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । किसी भी आपात स्थिति के दौरान निर्बाध परिचालन बनाए रखने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने एक बैक-अप एयरपोर्ट ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (एओसीसी) की बनाया है। एयर -साइड में स्थित यह नया बैक-अप एओसीसी प्राथमिक एओसीसी की सभी तकनीकी कार्यक्षमताओं को संभालने के लिए पूरी तरह सुसज्जित है। पिछले साल जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने कुल यात्री संख्या और कनेक्टिविटी दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। जयपुर एयरपोर्ट पर प्रतिदिन 116 से अधिक फ्लाइट मूवमेंट्स का प्रबंधन करता है और पूरे भारत के 19 शहरों और छह अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें प्रदान करता है।
हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी भी प्रमुख हवाई अड्डे के लिए कम से कम दो ऑपरेशन नियंत्रण केंद्र आदर्श होते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में जब टर्मिनल बिल्डिंग खाली करने की आवश्यकता होती है तब बैक-अप एओसीसी आवश्यक सहायता प्रदान करता है और ये सुनिश्चित करता हैं की एयर ऑपरेशन्स तथा अन्य गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रहें। एओसीसी किसी भी एयरपोर्ट पर एयर ऑपरेशन्स के प्रबंधन और संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं तथा ये एयर ऑपरेशन्स की कुशल क्रियान्वति का मुख्या केंद्र हैं। एओसीसी आम तौर पर हवाई अड्डे के संचालन का वास्तविक समय दृश्य प्रदान करने के लिए हवाई यातायात नियंत्रण, बैगेज हैंडलिंग और सुरक्षा कैमरों जैसे विभिन्न हवाई अड्डे प्रणालियों और सेंसर के साथ एकीकृत होती है। सामान्य संचालन के दौरान, एओसीसी संसाधन आवंटन की देखरेख करता है, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के साथ समन्वय करता है, और संकट स्थितियों का प्रबंधन करता है। यह आप्रवासन, सीमा शुल्क, सीआईएसएफ, एयरलाइंस और विभिन्न आंतरिक विभागों के साथ समन्वय की सुविधा भी प्रदान करता है। दोनों एओसीसी सेटअप हाई लेवल टेक्नोलॉजी और हाई स्पीड कनेक्टिविटी से सुसज्जित हैं जो निर्बाध एयर ऑपरेशन्स सुनिश्चित करता है।
(Udaipur Kiran) / राजेश