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नेताजी सुभाषचंद्र बाेस के विचार आज भी भारतीयाें के लिए प्रेरणा स्राेत : कुलपति ललित अवस्थी

मंडी, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के इतिहास सोसायटी, इतिहास विभाग ने गुरुवार काे पराक्रम दिवस के अवसर पर एक दिवसीय आभासीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को समर्पित संगाेष्ठी का उद्देश्य देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को स्मरण करना और युवाओं को प्रेरित करना था। संगोष्ठी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य ललित कुमार अवस्थी ने किया।

उन्हाेंने नेताजी की विचारधारा और देशभक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन और उनके विचार आज भी सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। पराक्रम दिवस उनके योगदान की याद दिलाता है और हमें यह सिखाता है कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए साहस और दृढ़ निश्चय कितना महत्वपूर्ण है।

मुख्य वक्ता आचार्य संजय कुमार प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय सतपुली उतराखंड ने नेताजी के नेतृत्व और आजाद हिंद फौज के महत्व पर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी देशभक्ति, साहस और कुशल नेतृत्व ने उन्हें इतिहास के पन्नों में अमर बना दिया।

कार्यक्रम अध्यक्षा आचार्य अनुपमा सिंह ने स्वागत करते हुए कहा कि नेताजी ने अपने जीवन और संघर्ष से यह संदेश दिया कि दृढ़ संकल्प और बलिदान से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

संगोष्ठी संयोजक डॉ राकेश कुमार शर्मा ने संगोष्ठी के उद्देश्य को प्रस्तुत किया। उन्हाेंने कहा कि पराक्रम दिवस भारत में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती (23 जनवरी) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2021 में भारत सरकार ने की थी। इसका उद्देश्य नेताजी के अद्वितीय साहस, देशभक्ति और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को सम्मानित करना है। उन्हाेंने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और इस तरह के आयोजनों को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से आयोजित इस संगाेष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों से महानुभाव जुड़े और आयोजन की सराहना की और इसे प्रेरणादायक बताया।

संगोष्ठी में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से आचार्य परवेज नाजिर, उतराखंड से आचार्य सराज मुहम्मद, डॉ नीरज. डॉ अर्जुन, पटना से डॉ दिव्या, डॉ मनीता याधव, डॉ मनवीर, डॉ पार्थ सार्थ व देशभर के विद्वानों, वेद, सुरेखा, उत्सव सहित शोधार्थियों और इतिहास सोसायटी की अध्यक्षा करीमा, शुभम, अनीष सहित एमए के छात्रों ने भाग लिया।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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