Uttar Pradesh

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में मनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि को सुनते बच्चे
कार्यक्रम के दौरान अध्यापक मुख्य अतिथि और प्रधानाचार्य

कानपुर, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेता जी सुभाषचन्द्र बोस बचपन से ही ऐसे स्वाभाव के थे कि अपने विद्यार्थी जीवन में अंग्रेजों के द्वारा भारतीय छात्रों के प्रति किये जाने वाले अन्याय का विरोध करना प्रारम्भ कर दिया था। इंग्लैंड में पढ़ने के बावजूद उन्होंने आईसीएस की नौकरी को ठुकराकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ते हुए अंग्रेजों को धूल चटाई थी। देश के प्रति उनकी इस लगन और प्यार को हम कभी नहीं भूल सकते यह बातें गुरुवार को बीएनएसडी इंटर कॉलेज में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कही।

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इण्टर कॉलेज बेनाझाबर में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पीपीएन डिग्री कॉलेज के प्रो. लक्ष्मीकान्त पाण्डेय ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि हम महापुरुषों की जयंती इसलिए मनाते है, ताकि उनके द्वारा बनाये गये जीवन पथ पर चलते हुए हम अपने जीवन के लक्ष्यों को समझ सकें। उनके इस स्वभाव से हमें यह सीखना चाहिये कि हम किसी भी स्थिति और परिस्थिति में अपनी बात को कह सकें। ऐसे महापुरुषों के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम देश के लिये हैं, न कि देश हमारे लिये। आज सुभाष जी के जन्मदिवस पर हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि देश और उसकी आजादी पहले है, हमारा जीवन बाद में। सुभाषचन्द्र बोस केवल भारतीय ही नहीं बल्कि भारतीय युवाओं की चेतना की अभिव्यक्ति थे। वह एक ऐसे महापुरुष थे। जो विदेश में भी भारतीयता को प्रचारित और प्रसारित करते रहे। इस अवसर पर प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह, उपप्रधानाचार्या मंजूबाला श्रीवास्तव, समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap

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