
– न्यायाधीशों ने कहा, अब कोर्ट अपनी निगरानी में गिरिबंधु टी स्टेट के जमीन घोटाले की जांच कराएगी
काठमांडू, 17 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । अदालत की अवहेलना के एक मामले में नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने प्रधानमंत्री ओली को सात दिनों के भीतर इसका लिखित जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष गिरिबंधु टी स्टेट के जमीन घोटाले में जांच करने का आदेश दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जांच कराने के बजाए अध्यादेश लाकर इस जमीन घोटाले को कानूनी रूप देने का काम किया।
प्रधानमंत्री ओली के इस फैसले को अदालत की अवमानना बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ओमप्रकाश अर्याल ने रिट दायर की थी। इसी पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रधानमंत्री ओली को नोटिस भेजा है। अधिवक्ता अर्याल ने बताया कि कोर्ट ने प्रधानमंत्री को सात दिनों का समय देते हुए इस पर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट की न्यायधीश सारंगा सुवेदी और नित्यानंद पांडे की संयुक्त बेंच ने प्रधानमंत्री ओली को नोटिस भेजने के अलावा गिरिबंधु टी स्टेट से जुड़ी सभी फाइलों को अदालत में जमा कराने को कहा है। अपने संक्षिप्त फैसले में न्यायाधीशों ने कहा है कि अब कोर्ट अपनी निगरानी में इसकी जांच कराएगी।
गिरिबंधु टी स्टेट नेपाल के पूर्वी सीमा झापा में है, जहां की करीब साढ़े तीन सौ बीघा सरकारी जमीन ओली ने अपनी पिछली सरकार के दौरान अपने चहेतों को बांट दी थी, लेकिन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस जमीन आवंटन को रद्द करते हुए इसकी जांच के आदेश दिए थे। इस बार जब फिर से ओली ने सत्ता संभाली तो उन्होंने एक अध्यादेश लाते हुए इस जमीन आवंटन को कानूनी मान्यता देने का प्रयास किया है। हालांकि, यह अध्यादेश अब तक संसद से पारित नहीं हुआ है और भूमि अध्यादेश के नाम से आए इस अध्यादेश का सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज दास
