काठमांडू, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश के दिन भी सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगी सेवाएं (ओपीडी) चलाने के निर्देश पर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के महासचिव डाॅ. संजीव तिवारी ने एक बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करते हुए सरकार द्वारा लिया गया निर्णय अव्यवहारिक और अवैज्ञानिक है। उन्होंने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की भी मांग की।
नेपाल मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पिछले 35 वर्षों से सरकारी अस्पतालों में पदों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है और अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक जनशक्ति और सेवा सुविधाएं कम हैं। ऐसे में सरकार के ताजा फैसले का कार्यान्वयन करना काफी मुश्किल है।
एसोसिएशन के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मियों को आराम करने के लिए सप्ताह में दो दिन छुट्टी देने की अंतरराष्ट्रीय प्रथा है लेकिन नेपाल में सार्वजनिक छुट्टियों के दिन भी ओपीडी सेवाएं संचालित करने का निर्णय लेना अवैज्ञानिक है।
बयान में कहा गया कि स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त आराम दिए बिना, अंतरराष्ट्रीय प्रथा के विपरीत, छुट्टियों के दिन भी आउटडोर सेवाएं संचालित की गईं तो सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों पर शारीरिक और मानसिक तनाव बढ़ जाएगा।
मेडिकल एसोसिएशन का मानना है कि छुट्टियों के दिन अधिक कार्यभार जोड़ने का निर्णय स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है ।इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों में मानसिक समस्याओं के बढ़ने का भी खतरा बढ़ जाएगा।
1 सितंबर को कैबिनेट बैठक के फैसले के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर सार्वजनिक अवकाश के दिन भी सेवाएं उपलब्ध कराने को कहा था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को स्वास्थ्य संस्थानों को एक परिपत्र जारी करते हुए अस्पतालों को सार्वजनिक छुट्टियों पर ओपीडी सेवाओं सहित सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने का निर्देश दिया था।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास