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नेपाल : 152 सांसद हाजिरी लगा संसद से हुए गायब,  सदन में पेश नहीं हो सका नागरिकता संबंधी विधेयक

संसद में सांसदों की कम संख्या

काठमांडू, 16 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । नेपाली संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में उस वक्त सरकार के लिए किरकिरी हो गई जब नागरिकता संबंधी महत्वपूर्व विधेयक पेश करने के लिए सांसदों का आवश्यक कोरम भी पूरा नहीं पाया गया। दरअसल 152 सांसद हाजिरी लगाने के बाद संसद से गायब हो गए, जिस वजह से आज विधेयक पेश किए बिना ही सदन की कारवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

प्रतिनिधि सभा में आज गृहमंत्री रमेश लेखक के द्वारा नागरिकता संबंधी महत्वपूर्व विधेयक पेश किया जाना था जिसमें नेपाल में मान के नाम पर भी नागरिकता देने के विषय पर कानून बना था। लेकिन जैसे ही स्पीकर ने गृह मंत्री को आज की कार्यसूची के मुताबिक नागरिकता विधेयक पेश करने के लिए बुलाया विपक्षी दलों ने सदन का न्यूनतम कोरम भी उपस्थित नहीं होने की बात कहते हुए इसका विरोध किया।

इसके बाद स्पीकर देवराज घिमिरे ने तीन मिनट तक सदन का बेल बजाने के लिए कहा। इस तीन मिनट के बाद भी सदन में सदस्यों की संख्या की गणना की गई तो वह सिर्फ 68 ही पहुंचा। 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में किसी भी विधेयक या अध्यादेश को पेश करते समय कम से कम एक चौथाई सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य है।

स्पीकर देवराज घिमिरे ने बताया कि बेल बजाने के बाद भी सदन में सिर्फ 68 सांसद ही पहुंच पाए जो कि आवश्यक कोरम के न्यूनतम संख्या से एक कम है। कोरम पूरा करने के लिए कम से कम 69 सांसदों की उपस्थिति आवश्यक है। सदन का कोरम ही पूरा नहीं होने के बाद स्पीकर घिमिरे ने सदन की कारवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।

इसके बाद जब सांसदों की हाजिरी मंगवाई गई तो आज 220 सांसदों ने उपस्थिति पर हस्ताक्षर किए जाने का खुलासा हुआ। संसद सचिवालय के प्रवक्ता एकराम गिरी ने बताया कि रविवार को हाजिरी करने वाले सांसदों की संख्या 220 है। जबकि सदन में विधेयक पेश करते समय सिर्फ 68 सांसद ही मौजूद थे। यानी कि 152 सांसदों ने उपस्थिति पर हस्ताक्षर कर बिना सदन की कारवाही के सहभागी हुए गायब हो गए।

विपक्षी दल राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी की सांसद निशा डांगी ने सत्तापक्ष के सांसदों पर विधेयक की गंभीरता को नहीं समझने और लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नागरिकता जैसे राष्ट्र के इतने गंभीर विषय पर सरकार द्वारा आज विधेयक पेश करने की कार्यसूची पहले से तय थी लेकिन फिर भी दो तिहाई की बहुमत वाली सरकार सदन में एक चौथाई सासंद भी उपस्थित नहीं कर सकती है इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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