
कानपुर, 21 मई (Udaipur Kiran) । रानी अहिल्याबाई होल्कर न केवल एक महान प्रशासक और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं, बल्कि उन्होंने अपने शासनकाल में धर्म सेवा और न्याय का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने समय में महिला सशक्तिकरण जनकल्याण और मंदिरों के पुनर्निर्माण के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संजोकर रखा। वर्तमान में दुश्मन देश के लिए संदेश है कि न दूध देंगे, न खीर देंगे अगर कश्मीर मांगा तो पाकिस्तान भी छीन लेंगे। यह बातें बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य डॉ दिनेश शर्मा ने कही।
रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर केशव नगर स्थित मुख्यालय में भाजपा दक्षिण द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश शर्मा ने रानी अहिल्याबाई के जीवन कार्य और योगदान पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि आज का भारत रानी अहिल्याबाई जैसे आदर्श नेतृत्व की प्रेरणा से मार्गदर्शन लेकर चल रहा है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे रानी अहिल्याबाई होलकर के जीवन से सीख लेकर समाज के उत्थान में योगदान दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा स्थापित करते हुए कहा था कि अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर सोमनाथ तक अनेक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया।
उन्होंने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की खुशी में भारत माता की जय के नारे लगवाए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सपने में रोज नरेंद्र मोदी दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, ममता बनर्जी ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा कर पाकिस्तान के मददगार बने हैं। भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करना अहिल्याबाई का लक्ष्य था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह एवं संचालन गणेश शुक्ला ने किया। क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई का संपूर्ण जीवन राष्ट्रभक्ति, परोपकार और समर्पण की मिसाल है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य आज की पीढ़ी को उनके महान व्यक्तित्व से परिचित कराना है। संगोष्ठी में रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
