Delhi

एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने चरण- दो के लिए मिस्ट स्प्रेयर परियोजना की घोषणा की

एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ( फाइल फोटो)

नई दिल्ली, 06 जून (Udaipur Kiran) । नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने शुक्रवार को चरण- दो में मिस्ट स्प्रेयर परियोजना के की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना अफ्रीका एवेन्यू और शांतिपथ क्षेत्रों में बिजली के खंभों पर स्थापित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इसे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में मदद मिलेगा।

इस अवसर पर कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के तहत पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने तहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी क्षेत्र को स्वच्छ, हरित और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए कार्य कर रही है।

कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि एनडीएमसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 और ईज ऑफ लिविंग मिशन के ल्क्ष्य से प्रेरित है। एनडीएमसी के कार्यकर्ता प्रभावी रूप से प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने और नागरिकों के लिए जीवन की गुणवत्ता में लगातार सुधार करने के लिए कार्य कर रहें है।

चहल ने बताया कि बिजली के खंभों पर लगे मिस्ट स्प्रेयर वायु प्रदूषण नियंत्रण का एक आधुनिक और प्रभावी तरीका है। ये स्प्रेयर पानी की महीन बूंदें छोड़ते हैं जो धूल और प्रदूषकों को व्यवस्थित करने के साथ ही हवा की गुणवत्ता में सुधार करता है और सांस लेने के लिए स्वच्छ वातावरण मिलता है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करती है बल्कि हरियाली के रखरखाव में भी सहायता करती है।

चहल ने इस परियोजना को जुलाई-अगस्त के दौरान एक महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने बताया कि अफ्रीका एवेन्यू पर लगभग 850 मीटर की दूरी पर 30 बिजली के खंभों पर धुंध स्प्रेयर लगाए जाएंगे। प्रत्येक पोल पांच नोजल से सुसज्जित होगा। सभी में छह स्प्रे छेद होंगे। जिसके परिणामस्वरूप प्रति पोल 30 बिंदुओं से पानी का छिड़काव किया जाएगा। यह प्रणाली प्रति पोल प्रति घंटे लगभग 84 लीटर उपचारित पानी का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा कि शांतिपथ के लगभग नौ सौ मीटर के खंड पर लागू की जाएगी।

उन्होंने बताया कि हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एनडीएमसी नियमित रूप से वृक्षारोपण अभियान चलाती है। सड़कों के किनारे हरित पट्टियों का रखरखाव। नियमित रूप से पानी देना और निर्माण स्थलों पर प्रभावी धूल नियंत्रण उपाय भी लागू किए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि परियोजना का पहला चरण लोधी रोड पर सफलतापूर्वक लागू किया गया था। जहां पांच सौ मीटर की सड़क पर 15 धुंध स्प्रेयर लगाए गए थे। इस पहल में 34 लाख रूपये लगे थे।

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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी

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