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एनसीसी कैडेट विकसित भारत के सपने को साकार करेंः रक्षा मंत्री

नई दिल्लीः सोमवार को दिल्ली कैंट में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के अपने दौरे के दौरान कैडेटों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री

नई दिल्ली, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनसीसी कैडेटों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया और उन्हें भारत की संपत्ति बताया। सोमवार को दिल्ली कैंट में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के अपने दौरे के दौरान कैडेटों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कैडेट, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में काम करते हों, एनसीसी द्वारा उनमें विकसित किए गए ‘नेतृत्व’, ‘अनुशासन’, ‘महत्वाकांक्षा’ और ‘देशभक्ति’ के गुणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। वह स्वयं एक एनसीसी कैडेट रहे हैं। इसलिए, यदि किसी पूर्व एनसीसी कैडेट ने कोई सपना देखा है, तो उसे पूरा करना अन्य सभी कैडेटों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। इसका अर्थ है 140 करोड़ भारतीयों की प्रगति, जो सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद एकता में रहते हैं। हमें अपने साथ-साथ समाज के लिए भी कुछ अच्छा करना चाहिए और जल्द ही भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।”

उन्होंने कैडेटों की प्रतिबद्धता, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति प्रेम की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक देश के रूप में भारत जो कुछ भी हासिल करने में सक्षम है, वह सभी की कड़ी मेहनत, खासकर युवाओं की बदौलत है। जब भी मैं एनसीसी कैडेटों से मिलता हूं, तो मुझे उनमें सिर्फ एक कैडेट नहीं दिखता। मैं भारत का प्रतिबिंब देखता हूं, जिसमें कई शरीर हैं लेकिन आत्मा एक है। कई शाखाएं हैं लेकिन जड़ एक है। कई किरणें हैं लेकिन रोशनी एक है। ये कैडेट अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं, अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं लेकिन एक चीज जो उनमें समान है, वह है ‘एकता’। उनकी ऊर्जा और उत्साह इस बात का प्रमाण है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली, उसी समय कई देश स्वतंत्र हुए। केवल वे राष्ट्र ही आज विकास कर रहे हैं, जिन्होंने अनुशासन, अखंडता और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को बनाए रखा है, जबकि जो नहीं रखते, वे अराजकता में हैं। कैडेटों को नेतृत्व का सही अर्थ समझाते हुए रक्षा मंत्री ने 26/11 मुंबई हमलों के दौरान मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के वीर बलिदान का हवाला दिया, जो राष्ट्र को प्रेरित करता है। उन्होंने बदलते समय के साथ खुद को ढालने के महत्व को रेखांकित किया, क्योंकि नई समस्याओं को पुराने दृष्टिकोण या पुराने कौशल-सेट से हल नहीं किया जा सकता है।

रक्षा मंत्री ने एनसीसी के तीनों विंग से आए कैडेटों द्वारा एक प्रभावशाली ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की समीक्षा की। कार्यक्रम में ‘अलंकरण समारोह’ भी शामिल था, जहां कैडेटों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रक्षा मंत्री पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस वर्ष रक्षा मंत्री पदक केरल एवं लक्षद्वीप निदेशालय की अंडर ऑफिसर थेजा वीपी तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र निदेशालय की सीनियर अंडर ऑफिसर आर्यमित्र नाथ को प्रदान किया गया। प्रशस्ति पत्र आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना निदेशालय की कैडेट डोंटरा ग्रीष्मा, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख निदेशालय की जूनियर अंडर ऑफिसर आबिदा आफरीन, महाराष्ट्र निदेशालय के सार्जेंट मनन शर्मा तथा मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ निदेशालय के सार्जेंट राहुल बघेल को प्रदान किए गए।

समारोह के बाद मिजो हाई स्कूल, आइजोल के एनसीसी कैडेटों द्वारा असाधारण बैंड प्रदर्शन किया गया। रक्षा मंत्री ने ‘ध्वज क्षेत्र’ का भी दौरा किया, जहां सभी 17 निदेशालयों के कैडेटों ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जीवंत प्रदर्शन किए।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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