



कहा- औरंगजेब की मानसिकता रखने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा हिन्दुस्तानउज्जैन, 23 मार्च (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नाजिया इलाही खान रविवार को उज्जैन पहुंचीं। यहां उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के दर्शन किए। उन्होंने बाबा महाकाल के दरबार में शीश नवाकर पवित्र रमजान के महीने में बाबा का आशीर्वाद लिया। गर्भगृह की दहलीज से उन्होंने बाबा महाकाल का पूजन किया और नंदी जी का आशीर्वाद लेकर मंत्रोच्चार के साथ भगवान महाकाल से आशीर्वाद मांगा। इस दौरान नाजिया बाबा महाकाल की भक्ति में लीन नजर आईं। उन्होंने अपने मस्तक पर भी तिलक लगाया। जय श्री महाकाल का उद्घोष किया और उसके साथ ही शीश नवाकर बाबा महाकाल से प्रार्थना भी की।
महाकाल मंदिर में दर्शन करने के बाद भाजपा प्रवक्ता नाजिया इलाही खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हिंदुस्तान औरंगजेब की मानसिकता रखने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। हिंदुस्तान केवल उन्हें बर्दाश्त करेगा जो उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के दिमाग के हैं। जो डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसी सोच रखते हैं, जो अपने स्पीच के माध्यम से भागवत गीता के श्लोक को बताया करते हैं। उन्होंने कहा कि वह एपीजे अब्दुल कलाम की बातों को एक बार फिर से दोहराकर इस देश के उन मुगल आक्रांताओं की औलादों को समझाने की कोशिश कर रही हूं कि रमजान जब बोलते हो तो पहले भगवान राम ही आते हैं और उसके बाद फिर जान आता है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में संघ की खूबसूरत सभा हुई है। इतने दिनों की सभा बैठक हुई है, जिसमें बांग्लादेश में जैसे सबसे हिंदुओं के ऊपर अत्याचार हुआ, जिस हिसाब से पाकिस्तान में हिंदुओं के ऊपर अत्याचार हुआ है, जिस हिसाब से संभल में हिंदुओं के ऊपर अत्याचार हुआ, बहराइच पर हिंदुओं पर अत्याचार हुआ, हर जगह हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है तो मुझे ऐसा लगता है कि संघ की इस बात को आगे लेकर जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जो पीओके हमारा था उस पर चिंतन और भी तेज करने की जरूरत है, क्योंकि एक तरफ हमें यह बताया जा रहा है कि पीओके अखंड भारत का हिस्सा दोबारा होगा। हमारा भारत जो कई टुकड़ों में टूटा वह दोबारा हम उसको अखंड भारत बनाएंगे। दूसरी तरफ हम बांग्लादेश के हिंदुओं को अगर नहीं बचा पा रहे हैं तो यह हमारे लिए शर्म से सर झुकाने की बात है। हम अगर संभल में हिंदुओं को नहीं बचा पा रहे, हम अगर नागपुर में हिंदुओं को नहीं बचा पा रहे हैं तो फिर हमारे ज्यूडिशरी सिस्टम को और भी बेटर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जब मैंने बाबा महाकाल के दर्शन किए तो आंखों में आंसू आ गए। जब मैं आ रही थी तो अपने दोनों पिता स्वरूप भाई से मैं कह रही थी कि पवित्र जगह पर चरण रखते ही जो अहसास होता है वह खूबसूरत अहसास का आनंद ही कुछ और होता है। मेरे घर में कई जवान बेटियों उमराह के लिए भी गई थी। मक्का मदीना पर आने के बाद जो उन्होंने बताया उसके बाद मेरी हिम्मत कभी नहीं हुई कि वर्बल नॉलेज होने के लिए मैं मक्का मदीना चली जाऊं, लेकिन जब भी मैं मंदिरों का दर्शन करती हूं और जिस खूबसूरती से और जिससे पूरे सभ्यता के साथ और पूरे प्रोटेक्शन के साथ मुझे जिस हिसाब से इतनी इज्जत के साथ इतने सम्मान के साथ मुझे दर्शन कराया जाता है और सबकी नज़रें झुकी होती हैं। सबकी जुबान पर दीदी होता है। यह कहीं न कहीं हम हमारे शांतिपूर्ण समुदाय के पुरुषों को सीखने की जरूरत है।
(Udaipur Kiran) तोमर
