HEADLINES

नक्सलियों ने की मुखबिरी के आरोप में एक ग्रामीण की हत्या 

naxali hatya

बीजापुर/जगदलपुर, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र अंर्तगत ग्राम पोटेनार के जंगल में नक्सलियों ने एक बार फिर कथित जनअदालत लगाकर मुखबिरी के आरोप में एक ग्रामीण युवक माड़वी दुलारु निवासी ग्राम माटवाड़ा की निर्मम हत्या कर दी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है।

नक्सलियों ने ग्राम पोटेनार के जंगल में सोमवार को जनअदालत लगाई थी। इस तालीबानी जनअदालत में माड़वी दुलारु पर मुखबिरी का आरोप लगाया गया था। जिसे बिना किसी सुनवाई या बचाव का मौका दिए नक्सलियों ने उसे सजा-ए-मौत का फरमान सुना दिया और उसकी हत्या कर दी। बीजापुर एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने बताया कि इस मामले की जानकारी आज मंगलवार सुबह पुलिस को मिलते ही जवानों को मौके के लिए रवाना किया गया है। मामले की जांच की जा रही है, जांच के बाद ही नक्सली हत्या की बात स्पष्ट होंगी।

बताया गया है कि नक्सलियों ने माटवाड़ा निवासी माड़वी दुलारू का अपहरण कर लिया था। इसके बाद एक दिन पहले पोटेनार गांव में जनअदालत लगाकर इस पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया गया। नक्सलियों ने गांव वालों के सामने कहा कि यह पुलिस के साथ मिलकर हमारी सूचना देता है। इसलिए इसे मौत की सजा दी जा रही है, जिसके बाद धारदार हथियार से वारकर उसे मार डाला।

उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में वर्ष 2001 से 2023 तक नक्सलियों ने लगभग 1,774 आदिवासियाें की हत्या कर चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सिर्फ बीजापुर जिले में ही 783 आदिवासियाें की नक्सलियाें ने हत्या की हैं। यह सिलसिला आज भी बीजापुर जिले में जारी है, जहां नक्सली आदिवासियाें के लिए सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं। सलवा जुडूम के दौर में नक्सलियों ने बस्तर में सबसे ज्यादा खूनी खेल खेला है। हालांकि, पिछले 23 सालों में पहली बार अब पुलिस नक्सलियों पर भारी पड़ रही है। वर्ष 2005 से 2006 में जब बस्तर में नक्सलवाद अपने चरम पर था। तब सलवा जुडूम की शुरुआत की गई थी। इसी दौर में आम नागरिकों पर सबसे ज्यादा नक्सली हिंसा हुई थी। वर्ष 2006 में सिर्फ बीजापुर में ही 297 आदिवासियाें की नक्सलियों ने हत्या की थी। कइयों को घर से बेघर कर दिया गया था, तब नक्सलियाें द्वारा बस्तर में जमकर खूनी खेल खेला गया था।

———

(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे

Most Popular

To Top