रायपुर , 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में समीक्षा बैठक के बाद शनिवार देर शाम पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ रुथलेस रणनीति से अंतिम प्रहार किया जाए। वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चैलेंज है।
अमित शाह ने कहा कि हमारी लड़ाई अंतिम चरण पर पहुंच चुकी है। देश को हम 2026 तक पूरी तरह से नक्सल समस्या से मुक्त कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि नक्सली प्रभावित जिलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की सभी योजना को लेकर बैठक में अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है।
उन्होंने बताया कि नक्सली प्रवाहित क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट है उनकी प्रगति और उसके रास्ते में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए बैठक में समीक्षा की गई है।
उन्होंने वामपंथी उग्रवाद को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा चैलेंज बताया और कहा कि भारत सरकार, बस्तर से बीजापुर और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक विकास के लिए कटिबंध है।
अमित शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ की बहुत पुरानी नक्सलवाद की समस्या और नक्सल प्रभावित जिलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का सैचुरेशन, विकास योजनाओं की प्रगति और सामने आ रही अड़चनों पर बैठक ली है।छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या को ख़त्म करने पड़ोसी राज्यों का समन्वय जरूरी है। नक्सलवाद के खिलाफ रूथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार करने का वक्त आ गया है। हमारा मानना है कि वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले चालीस सालों में इससे करीब 17 हजार लोगों की जान गई है। जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया।शाह ने कहा कि जिनके हाथ में हथियार है उनके हाथ से हथियार छुड़ाना और जो नहीं छोड़ रहे हैं उन्हें इंगेज करने की दिशा में काम किया गया। इसके साथ ही वामपंथ उग्रवाद क्षेत्र का विकास करना भी प्राथमिकता रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने के लिए कई अचीवमेंट हुए। वर्ष 2022 में एक साल ऐसा आया कि जिसमें वामपंथी उग्रवाद से पहली बार चार दशक में मृत्यु की संख्या 100 से नीची रही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2024 तक सबसे कम वामपंथी उग्रवाद की घटना दर्ज की गई। टॉप 14 नक्सली लीडर को न्यूट्रलाइज किया गया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ की और कहा कि वामपंथी उग्रवाद पर अब अंतिम प्रहार होगा।
शाह ने कहा कि मैं कहता हूं कि हमला नहीं करें। हमारी सरकार ने रोजगार के लिए काम किए हैं। बस्तर बटालियन की तरह भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की वजह से जो लोग निरक्षर रह गए हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी। एनआईए की तर्ज पर एसआईए बनाएंगे। राज्य सरकार जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार, झारखंड, ओड़िशा, मध्यप्रदेश और कुछ हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हुआ है 2004 से 2014 तक 16 हजार घटनाएं हुई थी और 2014 के बाद से अब तक करीब 7 हजार घटनाएं हुई है। करीब 53 फीसदी की कमी आई है। नागरिक सुरक्षा में 79 फ़ीसदी का आंकड़ा रहा है। 2010 में 96 नक्सल प्रभावित जिले थे, आज यह करीब 42 पर आ गए हैं। थानों की संख्या 171 तक सीमित हुई है। 2019 से अब तक सीएपीए के दो सौ से ज्यादा कैंप बनाए गए। वामपंथ उग्रवाद के फाइनेशियल सिस्टम पर करारा प्रहार किया गया है। इसमें ईडी की भी बड़ी भूमिका रही है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा को धन्यवाद देता हूं कि नक्सल मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। बड़ी संख्या में नक्सली न्यूट्रालाइज किया गया। नये कैंप खुले. हिड़मा के गांव में जाकर डिप्टी सीएम ग्रामीणों को आधार कार्ड देता है तो यह सब देखकर दिल्ली में हमें सुकून मिलता है। सुकमा के छह गांवों में आजादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान का इस्तेमाल किया है। आज सुरक्षा बलों के जवान सुरक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी योगदान दे रहे हैं। बस्तर में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी देने का काम किया है। सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। हर तीन किलोमीटर में एक डाकघर खोला गया है। बैंक, एटीएम जैसी सुविधाएं पहली बार अंदूरूनी इलाको में पहुंचा है। कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गए हैं। 164 एकलव्य विद्यालय खोले गए हैं।
शाह ने कहा कि अलग-अलग राज्य सरकारों के बीच जॉइंट टास्क फ़ोर्स बनाया गया है। केंद्र सरकार की एजेंसियां कोआर्डिनेशन को बेहतर कर रही है। फर्जी मुठभेड़ के आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अपना काम कर रही है। हम अपना काम कर रहे हैं। शांति वार्ता पर अमित शाह ने अपील करते हुए कहा कि नक्सली सरेंडर करें, हथियार छोड़े हम उनकी चिंता करेंगे।
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा / प्रभात मिश्रा