Uttar Pradesh

करदाता से जबरन लिया गया भुगतान नियम विरुद्ध : नवीन खत्री

मुरादाबाद में उप्र कर अधिवक्ता संगठन की 56 वीं कार्यकारणी सभा समपंन

–कोई भी टैक्स की मांग तभी मान्य होगी जब उसके लिए रूल 142(1।) कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हो: सहायक कमिश्नर

मुरादाबाद, 22 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश कर अधिवक्ता संगठन की 56वीं कार्यकारणी सभा शनिवार को जोनल टैक्स बार एसोसिएशन के तत्वावधान में रामगंगा विहार स्थित मिडटाउन क्लब में सम्पन्न हुईं। मुख्य अतिथि सीजीएसटी के सहायक कमिश्नर नवीन खत्री ने कहा कि जीएसटी सर्च का सामना कर रहे करदाता यह जान लें कि यदि कोई भुगतान जबरन लिया गया है, तो यह नियम विरुद्ध है। कोई भी टैक्स की मांग तभी मान्य होगी जब उसके लिए रूल 142(1।) कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हो और अधिकारी जवाब से संतुष्ट न हो।

कार्यकारणी सभा के शुभारम्भ पर शांति निकेतन इण्टर कॉलेज की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की ग।ई इसके बाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन किया। कमिश्नर ने कहा कि अधिवक्ता विभाग और व्यापारी के बीच एक पुल का कार्य करते हैं।

विशिष्ट अतिथि राज्य कर के एडिशनल ग्रेड-2 आरए सेठ ने कहा व्यापारी अपना जीएसटी ईमानदारी से जमा करें जिससे उन्हें भविष्य में कोई असुविधा न हो। राज्य कर के एडिशनल कमिश्नर रमा शंकर द्विवेदी ने कहा कि व्यापारी फर्जी व्यापरियों से व्यापार न करें।

सभा में मध्य प्रदेश से आए अधिवक्ता पलाश खुरपिया ने जीएसटी की सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 67(2) के तहत सर्च और सीजर को विस्तृत रूप से बताया। कहा कि हाल के न्यायिक फैसलों में इस धारा के दुरुपयोग की ओर इशारा किया है। इसी तरह, कई मामलों मे न्यायालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की वसूली चाहे वह नकद ,चेक या आईटीसी के समायोजन को सर्च के दौरान जमा नहीं कराना चाहिए और यदि करदाता स्वयं स्वेच्छा से भुगतान करना भी चाहता है, तो यह केवल सर्च समाप्त होने के बाद ही किया जाना चाहिए।

सभा की अध्यक्षता गुफरान माजिद तथा संचालन शलभ अग्रवाल, क्षितिज शर्मा, अराफात अली और राजदीप गोयल ने संयुक्त रूप से किया।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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