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​रूस ​से भारत के लिए रवाना हुआ नौसेना का जहाज​ तुशील ​मोरक्को पहुंचा​

​रूस ​से भारत के लिए रवाना हुआ नौसेना का जहाज​ तुशील ​मोरक्को पहुंचा​

– दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन सहयोग को और बढ़ाने के अवसरों पर ​हुई चर्चा

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (Udaipur Kiran) ​।​ रूस के कलिनिनग्राद से भारत के लिए रवाना हुआ​ भारतीय नौसेना का नवीनतम बहु​ भूमिका वाला स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील ​मोरक्को​ पहुंच गया है।​ जहाज के चालक दल ने योग में भाग लिया और ​मेजबान नौसेना के साथ दोस्ताना वॉलीबॉल मैच भी खेला।​ ​कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन पीटर वर्गीस ने कैसाब्लांका क्षेत्र के हथियारों के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अहमद कार्टौफ और वरिष्ठ मोरक्कन सैन्य नेतृत्व और रॉयल मोरक्कन नौसेना के अन्य प्रमुख नियुक्तियों से मुलाकात की। आपसी हितों के मुद्दों और ​दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन सहयोग को और बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की गई। ​​

भारत और मोरक्को के बीच द्विपक्षीय संबंधों और नौसेना सहयोग को मजबूत करने के हिस्से के रूप में आईएनएस तुशील 27 दिसंबर ​को मोरक्को के कैसाब्लांका पहुंचा​ था। ​भारतीय युद्धपोत की ​यह यात्रा दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग के लिए आगे के रास्ते तलाशने का प्रयास करती है। ​दो दिवसीय यात्रा के दौरान​ तुशील​ के चालक दल ​ने रॉयल मोरक्को नौसेना के कर्मियों के साथ नौसेना सहयोग, राजनयिक संबंधों और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ​से मुलाकात की है। दोनों नौसेना​ओं ने समुद्र में एक पैसेज एक्सरसाइज में भाग ​लिया, ताकि ​सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सके।

रूस में निर्मित ​भारतीय ​युद्धपोत आईएनएस तुशील​ को 09 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में नौसेना में शामिल किया गया था।​ इसकी कमान कैप्टन पीटर वर्गीस के पास है, ​जिनके साथ 250 कर्मियों की टीम ​है। ​भारतीय नौसेना का नवीनतम बहु-भूमिका वाला स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील 17 दिसंबर​ को रूस के कलिनिनग्राद से भारत के लिए रवाना हुआ, जो उसकी पहली परिचालन तैनाती की शुरुआत थी।​ अब ​यह जहाज ​अपने गृह बंदरगाह​ कर्नाटक के ​कारवार​ की ओर ​बढ़ रहा है तो यात्रा ​के दौरान रास्ते में पड़ने वाले मित्र​ देशों की नौसेनाओं के साथ सहयोगी अभ्यास में भाग ले​ रहा है, जिससे क्षेत्र के देशों के साथ भारत की समुद्री कूटनीति को और बढ़ावा मिलेगा।

यह जहाज बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर, अटलांटिक महासागर और अंततः हिंद महासागर से होकर गुजरेगा और रास्ते में कई मित्र देशों के बंदरगाहों पर रुकेगा।​ आईएनएस तुशील की पहली तैनाती में भारतीय नौसेना के प्रमुख चार्टर अर्थात् राजनयिक, सैन्य और कांस्टेबुलरी गतिविधियां शामिल होंगी।​ यह जहाज क्षेत्र में समुद्री डकैती वाले स्थानों सहित मार्ग में पड़ने वाली अनेक नौसेनाओं के साथ संयुक्त गश्ती और समुद्री साझेदारी अभ्यास करेगा।​ अपने बंदरगाह प्रवास के दौरान जहाज मेजबान नौसेना​ओं के साथ क्षमता निर्माण गतिविधियों को अंजाम देगा और वरिष्ठ सैन्य और सरकारी नेतृत्व के साथ बातचीत करेगा। बंदरगाह प्रवास के दौरान पूरे क्षेत्र में फैले भारतीय प्रवासियों से भी संपर्क किया जाएगा।

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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