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हरिद्वार, 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड भारतीय चिकित्सा परिषद के तत्वावधान में आयुर्वेद के क्षेत्र में एक नई पहल का आगाज होने जा रहा है। 26 नवंबर से जनपद हरिद्वार में ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ का शुभारंभ किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को अपनी प्रकृति के बारे में जागरूक करना और उन्हें आयुर्वेद आधारित निवारक स्वास्थ्य देखभाल अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, डॉ. स्वास्तिक सुरेश ने बताया कि जिले के सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, फार्मेसी अधिकारी और पैरामेडिकल स्टाफ इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करेंगे। यह पहल स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली सिद्ध होगी।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी, डॉ. अवनीश उपाध्याय के अनुसार देवभूमि उत्तराखंड में इस अभियान को सफल बनाने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड को नोडल संस्था के रूप में नियुक्त किया गया है। ‘प्रकृति परीक्षण’ आयुर्वेद की एक अनूठी अवधारणा है, जो व्यक्ति की शारीरिक संरचना (वात, पित्त, कफ दोष) की पहचान पर आधारित है। इसके माध्यम से नागरिक अपकेनी प्रकृति के अनुसार सही जीवनशैली, आहार और व्यायाम को अपनाने में सक्षम होंगे। इससे न केवल रोगों से बचाव होगा, बल्कि किसी रोग की स्थिति में बेहतर समाधान भी तलाशा जा सकेगा। इस अभियान के तहत आयुर्वेद को हर घर तक पहुंचाने की तैयारी है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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