देहरादून, 12 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रकृति परीक्षण अभियान में उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है। आयुर्वेद के माध्यम से हर नागरिक को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करने के इस अभियान में राज्य की उपलब्धियां केंद्र सरकार की उम्मीदों पर खरा उतर रही हैं।
आयुर्वेद में विशिष्ट पहचान रखने वाले उत्तराखंड को केंद्र सरकार इस अभियान में अग्रणी भूमिका में देख रही है। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के संदर्भ में इस अभियान को और तेज गति मिलने की उम्मीद है। यह अभियान 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में शुरू किया गया था और 25 दिसंबर तक चलने वाला है। अभियान का उद्देश्य पूरे देश में एक करोड़ लोगों की प्रकृति का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से परीक्षण करना है।
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो में भाग लेने के लिए आए केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव के अनुसार-उत्तराखंड देवभूमि है और आयुर्वेद के लिहाज से सबसे समृद्ध है। प्रकृति परीक्षण अभियान के जरिये देवभूमि के लोगों के आरोग्य के लिए कार्य किया जा रहा है।
केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कुटेचा के अनुसार-प्रकृति परीक्षण अभियान के पूरे देश में अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उत्तराखंड भी इस अभियान में देश के साथ अच्छे से कदमताल कर रहा है।
आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की है विशिष्ट स्थिति:
देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता ने कहा कि उत्तराखंड की आयुर्वेद के मामले में विशिष्ट स्थिति है। इसलिए हमें उत्तराखंड से खास उम्मीद है। अभी तक हमने जो पाया है, उसके अनुसार, उत्तराखंड की प्रगति बहुत अच्छी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आयुष के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के शुरू होने से पहले ही उन्होंने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई अच्छे कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मै हमेशा यह कहता हूं कि उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रारंभ से ही प्रज्ञा भूमि रही है। आयुर्वेद केवल उपचार की चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे बढ़कर जीवन जीने की विशिष्ट कला है। प्रकृति परीक्षण अभियान और केंद्र की आयुष संबंधी सभी योजनाओं के मार्फत लोगों का उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार