
काठमांडू, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के आंदोलन सोमवार को 20वें दिन भी जारी है। सरकार के साथ कई चरणों की वार्ता असफल होने के बाद शिक्षकों ने आज भी प्रदर्शन किया है। शिक्षकों का यह प्रदर्शन धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है।
नेपाल शिक्षक महासंघ के आह्वान पर देशभर के सरकारी शिक्षक काठमांडू में प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को स्थानीय निकाय के मातहत से हटाने की मुख्य मांग के साथ शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। महासंघ के आह्वान पर शिक्षा विधेयक को जल्द से जल्द संसद से पारित करने की मांग के साथ देशभर के सरकारी और सामुदायिक विद्यालयों के शिक्षक आंदोलनरत हैं।
नेपाल शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष लक्ष्मी किशोर सुवेदी ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर सिर्फ आश्वासन दे रही है, लेकिन उसे पूरा करने की निश्चित समय सीमा नहीं बता रही है। सुवेदी ने बताया कि सरकार की तरफ से 25 अप्रैल को शिक्षा विधेयक सदन में पेश करने की जानकारी दी गई है। हालांकि, महासंघ ने सरकार के मौखिक आश्वासन को मानने से इनकार कर दिया है।
बीते दिनों प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ भी शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर अपनी मांगों से अवगत कराया था। प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद भी शिक्षकों ने अपना आंदोलन खत्म करने से इंकार कर दिया है। इनका कहना है कि जब तक संसद से विधेयक के पारित होने का पूरा विश्वास नहीं हो जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसी बीच नेपाल शिक्षक महासंघ ने सभी निजी विद्यालयों के शिक्षक को भी सड़कों पर उनके साथ प्रदर्शन के सहभागी होने का आह्वान किया है।
शिक्षकों की हड़ताल की वजह से देशभर के सभी सरकारी और सामुदायिक विद्यालय में पठन पाठन का काम ठप्प हो गया है और 10वीं बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जांच भी रुकी हुई है। इतना ही नहीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा भी स्थगित करना पड़ गया है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
