जम्मू, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल ने “सतत ऊर्जा: एक पर्यावरणीय दृष्टिकोण” और “सौर फोटोवोल्टिक: नैनो द्रव दृष्टिकोण” पर एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया। इस कार्यक्रम में सौर प्रौद्योगिकी के लिए सतत ऊर्जा प्रथाओं और नवीन दृष्टिकोणों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एसएमवीडीयू में डीन (अकादमिक मामले) प्रो. बलबीर सिंह ने की, जिन्होंने स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सतत विकास लक्ष्यों, विशेष रूप से स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में एसएमवीडीयू और पुडुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच सहयोगात्मक कार्य के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल के प्रमुख प्रो. यथेष्ठ आनंद ने श्रोताओं को संबोधित किया और छात्रों को सूक्ष्म और स्थूल दोनों स्तरों पर स्वच्छ और शून्य-उत्सर्जन ऊर्जा रूपांतरण प्रणालियों के महत्व पर सलाह दी। उनकी अंतर्दृष्टि ने बाद के तकनीकी सत्रों के लिए माहौल तैयार किया।
तकनीकी सत्रों का नेतृत्व पुडुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रो. (डॉ.) पी. मथियाझागन ने किया। पहले सत्र, परंपरागत और सतत ऊर्जा का अवलोकन – एक पर्यावरणीय दृष्टिकोण ने छात्रों को पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के साथ एकीकृत सतत ऊर्जा प्रथाओं की व्यापक समझ प्रदान की। दूसरे सत्र, सौर फोटोवोल्टिक की दक्षता में सुधार – नैनो द्रव दृष्टिकोण ने सौर प्रौद्योगिकी में प्रगति और नैनो द्रव कैसे सौर फोटोवोल्टिक कोशिकाओं की दक्षता को बढ़ा सकते हैं, इस पर चर्चा की। वहीं छात्रों को अपनी शंकाओं को स्पष्ट करने और चर्चा किए गए विषयों में गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का मौका मिला।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा