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राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति में जमीनी स्तर पर भागीदारी शामिल होनी चाहिए : डीपीआईआईटी

राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक का जारी फोटो

नई दिल्ली, 21 मई (Udaipur Kiran) । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति’ के निर्धारण में छोटे खुदरा व्यापारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया है। डीपीआईआईटी ने कहा कि राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति में जमीनी स्तर पर भागीदारी शामिल होनी चाहिए।

वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (एनटीडब्ल्यूबी) की छठी बैठक मंगलवार को नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में हुई। इस बैठक का मुख्य फोकस ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल पर था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों और स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देना है। मंत्रालय के मुताबिक बैठक के दौरान उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के संयुक्त सचिव संजीव ने भारतीय अर्थव्यवस्था में खुदरा व्यापार क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों से राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति के निर्माण के लिए रचनात्मक और समावेशी सुझाव देने का आह्वान किया, जिसमें जमीनी स्तर से भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया।

राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (एनटीडब्ल्यूबी) के अध्यक्ष सुनील जे. सिंघी ने इस बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने केंद्रीय बजट 2025-26 से व्यापारी और एमएसएमई केंद्रित कई घोषणाओं को रेखांकित किया, जिसमें नियामक प्रक्रियाओं के सरलीकरण, वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से एक अनुकूल व्यापार इको-सिस्टम बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की यात्रा नामक एक विशेष पत्रिका का विमोचन किया गया, जिसमें बोर्ड की स्थापना के बाद से अब तक की उपलब्धियों, पहलों और उपलब्धियों का विवरण दिया गया है।

सिंघी ने देश के छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने में डिजिटल परिवर्तन की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल छोटे खुदरा विक्रेताओं के लिए बाजार तक पहुंच और आय के अवसरों को काफी हद तक बढ़ा सकती है। सदस्यों से आग्रह किया गया कि वे स्थानीय व्यापारियों को ऐसे प्लेटफॉर्म पर लाने का सहयोग करें, ताकि डिजिटल अर्थव्यवस्था में उनका एकीकरण सुनिश्चित हो सके।

चेयरमैन ने बताया कि व्यापार संघों और बोर्ड के सदस्यों की ओर से प्राप्त विभिन्न अभ्यावेदन उचित कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों और विभागों को भेज दिए गए हैं। उन्होंने खुदरा क्षेत्र के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए और सुझाव आमंत्रित किए। इस बैठक में केंद्र सरकार द्वारा नामित गैर-सरकारी सदस्यों ने भाग लिया, जो व्यापार संघों और विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते थे, साथ ही भारत सरकार के नौ प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के पदेन सदस्य भी बैठक में शामिल हुए।

मंत्रालय के मुताबिक इस बैठक का मुख्य फोकस ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल पर था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों और स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देना है। सिंघी ने सभी बोर्ड सदस्यों से अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस पहल की सक्रिय रूप से सहयोग करने का आग्रह किया। उपस्थित सभी सदस्यों ने इस आंदोलन के राजदूत के रूप में कार्य करने की प्रतीकात्मक शपथ ली, जिससे देश भर में इसकी पहुंच और प्रभाव मजबूत हो।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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