Madhya Pradesh

नेशनल लोक अदालत 10 मई को, बिजली चोरी और अनियमितताओं के प्रकरण में होंगे समझौते

प्रतीकात्‍मक फोटो

– ऊर्जा मंत्री तोमर ने उपभोक्ताओं से की लंबित प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील

भोपाल, 5 मई (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश में शनिवार, 10 मई को नेशनल लोक अदालत आयोजित होगी। इसमें बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को ही प्रकरणों में छूट दी जाएगी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत अधिनियम 2003 धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अप्रिय कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें। यह जानकारी सोमवार को जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने दी।

प्री-लिटिगेशन स्तर पर

कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्‍येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

लिटिगेशन स्तर पर

कंपनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

लोक अदालत में छूट शर्तों के तहत दी जाएगी

– आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।

– उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।

– आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।

– नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे।

सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।

– नेशनल लोक अदालत में उपरोक्‍तानुसार दी जा रही छूट आकलित सिविल दायित्‍व राशि दस लाख रुपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी।

– यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 10 मई 2025 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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