— जंक फूड, ज्यादा मीठा, दांतों पर चिपकने वाला खाना नहीं चाहिए
वाराणसी,24 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । नेशनल डेंटिस्ट डे पर मंगलवार को लोगों को मुख व दांत के रोगों के प्रति जागरूक किया गया। इंडियन डेन्टल एसोसिएशन और दंत चिकित्सा संकाय बीएचयू के तत्वावधान में संकाय के सभागार में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में दिवस की थीम सभी को मुख को स्वस्थ रखने की जानकारी दी गई। इस दौरान यूपी स्टेट इंडियन डेन्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो.टी. पी. चतुर्वेदी ने बताया कि प्रो. आर. अहमद के जन्मदिन पर यानि 24 दिसंबर को हर साल इंडियन डेन्टल एसोसिएशन राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (नेशनल डेंटिस्ट डे) का आयोजन करता है। दंत चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न बदलाव को भी प्रो.चतुर्वेदी ने बताया।
उन्होंने बताया कि हमारे देश में पहला डेंटल कॉलेज 1920 में कोलकाता में आर अहमद डेंटल कॉलेज की स्थापना हुई थी। वर्तमान में पूरे देश में 323 डेंटल कॉलेज है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि देश में दांत एवं मुख के रोगी दिनोदिन बढ़ने का मुख्य कारण हम लोगों का खानपान और दांतों की सफाई न होना माना जाता है। जंक फूड, ज्यादा मीठा, दांतों पर चिपकने वाला खाना नहीं चाहिए। बाजार में आसानी से उपलब्ध फास्ट फूड, दांतों पर चपकने वाले एवं मीठे व्यंजन आसानी से दांतों पर एक सतह बना लेते है। जिसको अगर 12 घंटे या इससे कम समय पर साफ न किया जाए तो ये दांतों में सड़न करते हैं। इसीलिए 24 घंटे में दो बार ब्रश करने के लिए कहा जाता हैं। मुख में नमक के गुनगुने पानी में कुल्ला करना चाहिए। टूथपेस्ट फ्लोराइड युक्त करना चाहिए। बहुत ज्यादा ठंडा या गरम पानी नहीं पीना चाहिए। मुंह की सफाई न होने से मसूड़ों से खून आना, मुंह से बदबू आना, मवाद आना, संसनाहट, एवं दर्द होना एक आम बात है। ये सब लक्षण पायरिया के होते हैं। जो कि 70 से 80 प्रतिशत लोगों में होता हैं। अगर ये समय से ठीक नहीं करवाए जाते हैं तो धीरे धीरे दांत कमजोर होकर गिर जाते हैं । जिससे आदमी खाना भी ठीक से खा नहीं पाता है और पेट के रोग एवं अन्य स्वास्थ्य से सम्बन्धित बीमारी हो सकती हैं। इस बीमारी से खून, हृदय, शुगर, गुर्दे एवं सांस संबधित बीमारी होने का खतरा भी होता हैं। इसके बचाव के लिए मुंह की सफाई व कभी-कभी दांत के मसूड़े की मालिश हल्दी को ग्लिसरीन में मिलाकर करनी चाहिए। दांतों के सड़ने को डेन्टल कैरीज कहते हैं। यह धीरे धीरे यह पूरे दांत को खोखला और कमजोर कर देता है। कभी-कभी इससे ऊपर एवं नीचे के जबड़े की हड्डियां भी खराब कर देता है। दर्द होने पर दर्द की दवा व एंटीबायोटिक का प्रयोग अपने दंत चिकित्सक से परामर्श कर ले सकते हैं। आजकल बच्चो में भी यह सब बीमारी बहुत आम हो चली हैं। इसका बचाव भी खानपान एवं दांतों की सफ़ाई से किया जा सकता है। नियमित रूप से गुटका, पान मसाला, स्मोकिंग, सुरती के सेवन से बचना चाहिए। इससे मुंह में छाले, धब्बे एवं मुंह का कैंसर होता हैं। बीड़ी और सिगरेट के पीने से लंग्स कमजोर होते हैं। इस सब बीमारी को रोकथाम नियमित दिनचर्या खानपान और दांतों की सफाई, पर ध्यान केंद्रित करके बचा जा सकता है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी