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पॉशअधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राष्ट्रीय महिला आयोग ने किया स्वागत 

महिला आयोग अध्यक्ष विजया राहटकर

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पॉश अधिनियम (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम पर सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का तहे दिल से स्वागत किया है। आयोग ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि यह फैसला भारत में सभी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एनसीडब्ल्यू ने सभी मुख्य सचिवों और राज्य सरकारों को एक पत्र भी भेजा है जिसमें उनसे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सभी क्षेत्रों और कार्यस्थलों में पॉश अधिनियम का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि पॉश अधिनियम को पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्ठा के साथ लागू किया जाना चाहिए। यह जरूरी है कि हर संगठन सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के सिद्धांतों को बनाए रखे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिलाओं को न केवल सुरक्षा मिले, बल्कि उन्हें अपने पेशेवर माहौल में आगे बढ़ने का अवसर भी मिले। यह फैसला बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा, जहां उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और महिलाओं के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले के मद्देनजर, एनसीडब्ल्यू ने सरकार और निजी क्षेत्र के संगठनों से आग्रह किया है कि पोश अधिनियम का पूरी तरह से पालन करने के लिए तत्काल, निर्णायक और सक्रिय कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक कानूनी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि कार्यस्थल बनाने की दिशा में एक नैतिक दायित्व है जहां महिलाएं सुरक्षित, मूल्यवान और पेशेवर रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त महसूस करती हैं।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पॉश कानून के प्रभावी पालन के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से 25 मार्च, 2024 तक रिपोर्ट मांगी और निजी क्षेत्रों में अनुपालन बढ़ाने को कहा।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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