

हिसार, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भारतीय पशु चिकित्सा संघ (आईवीए-डब्लूवी) की महिला पशु चिकित्सक विंग ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बासु), पटना के सहयोग से प्रतिष्ठित बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना में बेस्ट एमवीएससी एवं पीएचडी थीसिस पुरस्कार समारोह-2025 का आयोजन किया। भारत में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान के सभी 18 विषयों में उत्कृष्ट शोध को सम्मानित करने वाला यह आयोजन पहला राष्ट्रीय मंच है।इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रतिक्रिया मिली है और इसमें आईवीआरआई, एनडीआरआई, लुवास, गडवासु, तनुवास, एनडीआरआई, केवीएएसयू और अन्य जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से 347 थीसिस प्रस्तुत की गईं। 40 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के एक पैनल ने 224 एमवीएससी थीसिस और 123 पीएचडी थीसिस के लिए एक कठोर और पारदर्शी समीक्षा प्रक्रिया आयोजित की, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2019 से 2024 तक प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कारों के लिए 67 पीएचडी और 78 एमवीएससी थीसिस का चयन हुआ। कश्मीर से केरल जैसे क्षेत्रों यहां तक कि त्रिपुरा और असम से उत्साही भागीदारी विशेष रूप से प्रशंसनीय है और यह भारतीय पशु चिकित्सा संघ की महिला पशु चिकित्सक विंग में बढ़ते विश्वास और भरोसे का एक मजबूत प्रमाण है। इस दौरान कई पीएचडी पुरस्कार विजेता महिलाओं में सहायक प्रोफेसर और आईसीएआर के वैज्ञानिक शामिल थे जिन्होंने अनुसंधान और शिक्षा में बड़े पैमाने पर योगदान दिया। इसी तरह, कई एमवीएससी महिला पुरस्कार विजेताओं को पशु स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में उनके प्रभावशाली योगदान के लिए मान्यता दी गई। इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. आनंद कुमार ने इस साल ही नहीं, बल्कि भविष्य के संस्करणों के लिए भी पुरस्कारों को प्रायोजित करने की प्रतिबद्धता जताई है।लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) विश्वविद्यालय की ओर से सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में डॉ. सुषमा काजल (पशु चिकित्सा पैथोलॉजी-2019), डॉ. वैशाली (पशु चिकित्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान-2022) और डॉ. अनु कुमारी (पशु जैव प्रौद्योगिकी-2022) शामिल हैं। इसी तरह, सर्वश्रेष्ठ एमवीएससी थीसिस पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में डॉ. पारुल राणा (पशु पोषण-2020), डॉ. उषा यादव (पशु चिकित्सा स्त्री रोग और प्रसूति-2023), डॉ. पुष्पा (पशु आनुवंशिकी और प्रजनन-2023) और डॉ. अमनदीप कौर (पशु चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी-2023) शामिल हैं। लुवास कुलपति प्रो. (डॉ.) नरेश जिंदल ने बुधवार को सभी पुरस्कार विजेताओं और उनके मार्गदर्शकों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
