—कलाकार बनाएंगे काशी के गंगा घाट : दृश्य और अदृश्य,दो फरवरी तक चलेगी कार्यशाला
वाराणसी, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चित्रकला विभाग में मंगलवार से राष्ट्रीय कला कुंभ (कार्यशाला) की शुरूआत हुई। सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में पहले दिन देशभर से आए नामचीन कलाकारों का सम्मान हुआ। इसके बाद राष्ट्रीय कला कुंभ का उद्घाटन आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो.अमित पात्रा ने किया।
इस अवसर पर प्रो.अमित पात्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय में एक नई परंपरा शुरू करेगा और यहां के विद्यार्थियों को समकालीन कला की मुख्य धारा से जुड़ने का विशेष अवसर भी मिलेगा। प्रो.अमित ने गुरू रवींद्रनाथ टैगोर की कविता के जरिए कला को जोड़ते हुए कार्यशाला के महत्व को बताया। कार्यशाला संयोजक आचार्य उत्तमा दीक्षित ने अतिथियों का स्वागत कर बताया कि कार्यशाला में आए कलाकार अपने-अपने क्षेत्र के सिद्धहस्त और ख्यात कलाकार हैं। इनके सान्निध्य में यहां के विद्यार्थियों का फलक व्यापक होगा। यह कार्यशाला दो फरवरी तक विश्वविद्यालय की कार्यावधि में चलेगा । जिसे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं नगर के कलाप्रेमी देखने के साथ कलाकारों से संवाद कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आमंत्रित नामचीन कलाकारों में प्रो. हेमंत द्विवेदी (राजस्थान), कुमार विकास सक्सेना (नई दिल्ली), लक्ष्मण एले (तेलंगाना), असित कुमार पटनायक, (उड़ीसा), अरविंद हरीकृष्ण सुथार, (गुजरात), प्रो. राम विरंजन, (सहारनपुर), प्रो. अवधेश मिश्रा, (लखनऊ), डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता, (लखनऊ), प्रो. विजय सिंह (बनारस) है।
कार्यशाला में बीएचयू भारत अध्ययन केंद्र के प्रमुख आचार्य सदाशिव कुमार द्विवेदी ने वेद मंत्रोच्चार के माध्यम से काशी की आध्यात्मिकता तथा महत्ता को बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरेश चंद्र जांगिड़ ने किया। कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर संकाय के आचार्य जसमिंदर कौर, डॉ शांति स्वरूप सिन्हा, डॉ. ललित मोहन सोनी, के. सुरेश कुमार, डॉ. किरण गुप्ता, विजय भगत, डॉ आशीष कुमार गुप्ता, डॉ सुनील कुमार पटेल, कृष्ण कुमार, ज्ञानेंद्र कन्नौजिया आदि की मौजूदगी रही।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी