-गीता को सिलेबस में शामिल करने की मांग
प्रयागराज,26 जुलाई (Udaipur Kiran) । सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने कहा कि विगत डेढ़ वर्षों से गीता के कर्मयोग से राष्ट्र निर्माण अभियान चला रहे हैं। क्योंकि व्यक्ति के निर्माण से समाज, समाज से प्रदेश, प्रदेश से राष्ट्र और राष्ट्र से विश्व का निर्माण होता है। इसीलिए सरकार से मांग है कि इसे सिलेबस में शामिल किया जाय।
उक्त विचार शुक्रवार को सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने (Udaipur Kiran) के प्रतिनिधि से एक मुलाकात के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने पूछे जाने पर बताया कि अभी तक 45 से 50 स्कूलों में बच्चों को ‘गीता ज्ञान से राष्ट्र निर्माण’ विषय पर जागरूक किया है। इसके साथ ही बच्चों को किताबें भी भेंट स्वरूप दिया जाता है। क्योंकि राष्ट्र निर्माण को लेकर सबसे ज्यादा जागरूक करने का ज्ञान गीता में है। उन्होंने गीता के कर्म योग सिद्धान्त से बच्चों को सचेत करते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए उनके चारित्रिक, बौद्धिक और सर्वांगीण विकास पर जोर दिया।
अशोक पाठक ने यह भी कहा कि 12 से 18 साल के बच्चों में सीखने की बड़ी शक्ति होती है। बच्चे जब पढ़ेंगे तभी जिज्ञासा होगी और उन्हें अपने कर्तव्यों एवं जीवन का उद्देश्य क्या है, जागरूक होंगे। इस प्रकार सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होने के साथ राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से श्रेष्ठ राष्ट्र और विश्व का निर्माण होता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में यह सबसे ज्यादा जागरूक करने वाला ग्रंथ है। राष्ट्र के निमित्त क्या करना है, उनका क्या उद्देश्य है, यह सब गीता में मिलता है। जिसे बच्चों में पढ़ने से जागरूकता आती है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से मांग किया हूं कि गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाय। जिससे उसका लाभ अधिक से अधिक बच्चों और लोगों को मिल सके। अशोक पाठक ने बताया कि महाकुम्भ 2025 के दौरान मेला के सभी प्रमुख संतों के शिविर में गीता पर उनका व्याख्यान होगा और मेला के दौरान करीब पांच लाख गीता का वितरण स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और संतों के बीच संस्था की ओर से किया जायेगा, जिसकी तैयारियां व्यापक स्तर पर चल रही है।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र / राजेश