
नारनाैल, 6 जून (Udaipur Kiran) । हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ में शुक्रवार को अत्याधुनिक ‘मेट्रो लैब्स’ का शुभारंभ किया गया। आयोजन में डीएमआरसी एकेडमी के महानिदेशक घनश्याम बंसल बतौर मुख्य अतिथि सहित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार व कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार आदि मौजूद रहे। इस मौके पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय व दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एकेडमी के बीच आपसी साझेदारी हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेशवर कुमार ने कहा कि वर्तमान में अधिकांश मेट्रो स्टेशनों का निर्माण भूमिगत हो रहा है। ऐसे में टनलिंग लैब विद्यार्थियों को भूमिगत संरचनाओं की जटिलताओं को समझने में सक्षम बनाएगी। लैब में एकीकृत ‘मिडाज सॉफ्टवेयर’ के माध्यम से विद्यार्थी जटिल टनलिंग सिस्टम का मॉडल व डिज़ाइन तैयार करने के साथ-साथ उसका विश्लेषण भी कर सकेंगे, जिससे वे भविष्य हेतु उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह लैब्स किसी भी विश्वविद्यालय में स्थापित अपनी तरह की पहली लैब्स है।
डीएमआरसी एकेडमी के महानिदेशक घनश्याम बंसल ने कहा कि यह प्रयास विद्यार्थियों को मैट्रो इंजीनियरिंग व टनलिंग से संबंधित एडवांस सुविधाओं को जानने और उससे संबंधित कौशल विकास में मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एसओईटी) में स्थापित ये प्रयोगशालाएं मेट्रो रेलवे इंजीनियरिंग शिक्षा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में मददगार होगी। विश्वविद्यालय में ये प्रयोगशालाएं शिक्षण को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों से जोड़ने का कार्य करेंगी। हकेवि में यह मेट्रो लैब्स विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मिले अनुदान से स्थापित की गई है। विश्वविद्यालय में डॉ विकास गर्ग और डॉ अजय बंसल इस परियोजना में मुख्य अन्वेषक के रूप में कार्यरत है। डॉ.भास्कर ने बताया कि प्रशिक्षण और शैक्षणिक सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए इसमें 50 सीटों वाला आधुनिक ऑडियो.विजुअल सुविधाओं से सुसज्जित सेमिनार हॉल भी स्थापित किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
