Haryana

नारनौलः ‘एनीमिया मुक्त हरियाणा’ की दिशा में उठाए जा रहे सार्थक कदम

’100 दिन का त्योहार, एनीमिया पर वार’ अभियान जारी

-’100 दिन का त्योहार, एनीमिया पर वार’ अभियान जारी

नारनाैल, 28 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार ने एनीमिया के उपचार के लिए एनीमिया मुक्त हरियाणा अभियान चलाया हुआ है। ‘100 दिन का त्योहार, एनीमिया पर वार’ नामक इस अभियान का उद्देश्य राज्य से एनीमिया को खत्म करना है। उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई भी एनीमिया से पीड़ित है तो डॉक्टर या स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सलाह के अनुसार मुफ्त में उपचार ले सकते हैं। यह अभियान एक से 19 वर्ष तक के बच्चों के लिए तथा प्रजनन आयु वर्ग की 20 से 49 साल तक की महिलाओं के लिए है।

एनीमिया के उपचार के लिए अलग-अलग आयु वर्ग के लिए खुराक निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान हर महीने अपने खून में हीमोग्लोबिन यानी एचबी के स्तर की जांच भी जरूर कराएं। उन्होंने बताया कि आईएफए सप्लीमेंटेशन व एल्बेंडाजोल की दवाई नजदीकी आशा, एएनएम, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र से निशुल्क प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि आम नागरिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के इस अभियान को कामयाब बनाने के लिए जागरूक बने तथा रोजाना संतुलित भोजन लें। एनीमिया के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे में नागरिक जागरूक बनें। सिविल सर्जन ने बताया कि एनीमिया से पीड़ित नागरिक के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। उसी आधार पर उसे डॉक्टर उपचार के लिए खुराक देता है। उन्होंने बताया कि थकान या कमजोरी, चिड़चिड़ापन, सांस फूलना, चक्कर आना, सिर दर्द, त्वचा या निचली पलक के अंदर लालिमा कम होना, एकाग्रता की कमी, भूख न लगना तथा कम सहनशीलता एनीमिया के लक्षण है। सिविल सर्जन ने बताया कि नागरिक हर रोज आयरन से भरपूर संतुलित भोजन का सेवन करें। अपने भोजन में बथुआ, पालक, ब्रोकली, मैथी, दाल, बाजरा, नींबू, सोयाबीन, मूंगफली, खजूर तथा गुड़ को नियमित रूप से शामिल करें।

सीएमओ ने बताया कि अलग-अलग आयु वर्ग के लिए एनीमिया के उपचार के लिए अलग.अलग खुराक तथा टैबलेट दी जाती हैं। आईएफए लाल गोली प्रजनन महिला को दी जाती है। इसमें 20 से 49 वर्ष की महिलाएं शामिल हैं। इसी प्रकार स्तनपान करने वाली महिलाएं तथा गर्भवती महिलाओं को भी यह गोली दी जाती है।आईएफए सिरप 6 से 59 माह के बच्चों के लिए दिया जाता है। जबकि 5 से 9 वर्ष तक के बच्चों के लिए गुलाबी गोली दी जाती है। इसी प्रकार 10 से 19 वर्ष तक के बच्चों के लिए नीली गोली दी जाती है।

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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला

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