नारनाैल, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ को उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी प्रभाव के लिए इंडिया डिडैक्टिक्स एसोसिएशन (आईडीए) पुरस्कार प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय को यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित डीआईडीएसी इंडिया 2024 में भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयासों और अभिनव दृष्टिकोण के लिए प्रदान किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार को यह सम्मान मालदीव के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री अहमद शफीउ द्वारा प्रदान किया गया और इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के उप निदेशक प्रो.सुरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। यह जानकारी गुरूवार को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि डीआईडीएसी इंडिया के यह पुरस्कार शिक्षा और कौशल क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रदान किए जाते हैं और हकेवि को मिला यह पुरस्कार प्रमाण है कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्रगतिशीलता, उच्च शिक्षा और समग्र विकास के लिए निरंतर प्रतिबंद्धता के साथ कार्यरत है। यह पुरस्कार गतिशील शिक्षण वातावरण, अत्याधुनिक शोध को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा में समावेशिता और नवाचार की संस्कृति के प्रसार के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों का परिचायक है।
कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने कहा डीआईडीएसी इंडिया में उच्च शिक्षा में प्रतिष्ठित परिवर्तनकारी प्रभाव पुरस्कार से सम्मानित होना विश्वविद्यालय के लिए गर्व का प्रतीक है। यह पुरस्कार हमारे विश्वविद्यालय के सभी सहभागियों के अथक प्रयासों का प्रमाण है। हमारे समर्पित संकाय निरंतर नवोन्मेषी शोधकर्ता व विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के निर्माण की ओर अग्रसर है और उत्कृष्टता के नए.नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में हम ऐसे वातावरण के विकास में जुटे हैं जो बौद्धिक विकास के अवसर बढ़ाता है, नवाचार का पोषक है तथा विद्यार्थियों के समग्र विकास में मददगार है। विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रो.सुषमा यादव, आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.पवन कुमार शर्मा, कुलसचिव प्रो.सुनील कुमार ने इस उपलब्धि को हकेवि के प्रत्येक सदस्य के लिए एक सामूहिक सफलता और छात्रों का विश्वविद्यालय के प्रति अटूट समर्पण बताया है।
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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला