नारनाैल, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन व्यवसाय के लिए सामान्य वर्ग के पुरुषों को 40 प्रतिशत व महिला या अनुसूचित जाति के व्यक्ति को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। यह जानकारी उपायुक्त डॉक्टर विवेक भारती ने गुरूवार को दी।
उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में वरदान साबित हो रही है। इस स्कीम के तहत अपनी निजी जमीन में तालाब बनाने, पंचायती बंजर भूमि या उबड़ खाबड़ भूमि को पट्टे पर लेकर मछली पालन व्यवसाय से जुड़ा जा सकता है। इससे पंचायत की आय में वृद्धि होगी व साथ ही रोजगार मिलेगा।
मछलियां पानी में छोटे-छोटे कीड़े व जलीय जीव तथा मच्छरों के अण्डों व लारवा को खाकर पानी को साफ रखती हैं। इससे डेंगू व मलेरिया जैसी बिमारियों से निजात मिल सकती है। पट्टेदार तालाबों को साफ भी रखेगा जिससे पशुओं को साफ पानी पीने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग तालाब खुदाई या पंचायती तालाबों को छटवाने, खाद खुराक, कोल्ड स्टोरेज लगाने, मोटर साईकिल व साईकिल पर मछली बेचने के लिए थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर खरीदने, रेहड़ी लगाकर मछली बेचने मछली पकड़ने के लिए जाल खरीदने, फिड मील लगाने व पंचायती व निजी तालाबों पर सोलर सिस्टम लगाने पर अनुदान दिया जाता है। जिला मत्स्य अधिकारी वेदपाल ने बताया कि मछली पालन के लिए युवकों को समय.समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। प्रशिक्षण लेने वाले युवकों को प्रशिक्षण के दौरान एक हजार रुपये स्टाइफंड व दाे साै रुपये किराया दिया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला