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जयपुर, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के आवास के बाहर प्रदर्शन और भीड को उकसाने के मामले में आरोपी नरेश मीणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश नरेश मीणा की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए। अदालत ने कहा है कि आरोपी की ओर से निचली अदालत में जमानत-मुचलके पेश किए जाए।
जमानत याचिका में अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि घटना को लेकर किसी भी व्यक्ति के कोई चोट नहीं आई है। पुलिस ने सिर्फ अंदेशा होने के आधार पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं पूर्व में प्रकरण में आरोपी बनाए गए अन्य लोगों को जमानत मिल चुकी है। याचिका में कहा गया कि उसके खिलाफ राजनीतिक द्वेषता से कार्रवाई की जा रही है। इतना लंबा समय बीतने के बाद पुलिस ने अभी तक जांच पूरी नहीं की है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश चौधरी ने कहा कि उपचुनाव के बाद भीड़ को उकसाने के एक अन्य मामले में नरेश मीणा की हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। यह मामला भी समान प्रकृति का है। ऐसे में उसकी जमानत याचिका को खारिज किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने नरेश मीणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। सितंबर, 2023 में नरेश मीणा को किसी अन्य मामले में जमानत मिली थी। इस पर उसके समर्थकों ने विजय जुलूस निकाला था। इस दौरान मीणा व अन्य लोगों ने तत्कालीन मंत्री प्रमोद जैन भाया के आवास के बाहर धरना दिया था। इस पर बारां के स्थानीय थाना पुलिस ने घटना को लेकर मामला दर्ज किया था। नरेश मीणा पर आरोप लगाया गया कि उसने भीड को उकसा कर तत्कालीन मंत्री के घर का घेराव किया। जिससे मंत्री और उनके परिजनों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ।
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(Udaipur Kiran)
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