
जयपुर, 1 मई (Udaipur Kiran) । महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-12 ने छात्र जीवन के दौरान शहर के गांधी नगर थाने में दर्ज एफआईआर में नरेश मीणा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। पीठासीन अधिकारी खुशबू परिहार ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में शिकायतकर्ता के ही बयान दर्ज नहीं हुए हैं। ऐसे में आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी किया जाना उचित है।
नरेश मीणा की ओर से अधिवक्ता फतेहराम मीणा ने अदालत को बताया कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उस समय नरेश मीणा मौके पर ही मौजूद नहीं था। इसके अलावा पुलिस ने किसी भी स्वतंत्र गवाह के बयान दर्ज नहीं कराए हैं। वहीं शिकायतकर्ता स्वयं भी अदालत में बयान देने नहीं आया है। ऐसे में उसे दोषमुक्त किया जाए। दूसरी ओर सरकारी वकील ने कहा कि 5 अगस्त, 2004 को राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में घूमर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कांस्टेबल मानसिंह व अन्य पुलिसकर्मी गेट पर तैनात थे। इस दौरान नरेश मीणा, मानसिंह मीणा और अन्य लोग स्टेज की ओर जबरन बढने लगे। जब पुलिस ने उन्हें रोका तो उन्होंने भीड को पुलिस वालों के खिलाफ उकसाया। इस दौरान एक पत्थर कांस्टेबल मानसिंह की आंख के पास लगा और वह गंभीर घायल हो गया। इस पर नरेश मीणा और मानसिंह मीणा के खिलाफ गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने जांच कर दोनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान मानसिंह मीणा को अदालत ने फरार घोषित कर दिया था।
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(Udaipur Kiran)
